Latest News नयी दिल्ली

समर्थ समाज का निर्माण हमारा लक्ष्य: मोहन भागवत


नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि कला के माध्यम से समर्थ समाज का निर्माण करना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि भारतीय कलाएं केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं,बल्कि मनुष्य के भीतर शिवत्व की अभिव्यक्ति हैं। संस्कार भारती के नवनिर्मित भवन कला संकुल के लोकार्पण में उन्होंने यह उद्गार व्यक्त किए।

कार्यक्रम के प्रारंभ में सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने दीप प्रज्ज्वलन व नारियल फोड़कर ‘कला संकुल’ का उद्घाटन किया। उद्घाटन के पश्चात सरसंघचालक के हाथों के प्रिंट लिए गए, जिन्हें संस्कार भारती ‘कला संकुल’ में संरक्षित करेगी।

इस अवसर पर प्रख्यात लोकगायिका मालिनी अवस्थी, भजन गायक अनूप जलोटा, कलाकार अनवर आली खान, सुगंधा शर्मा, वसीफुद्दीन डागर, पंडित धर्मनाथ मिश्र और पंडित रामकुमार मिश्र ने मनमोहक प्रस्तुति दी।

मोहन भागवत ने कहा कि पश्चिमी देशों ने कलाओं के माध्यम से महज रंजन को चुना, इसलिए उनकी कला अधूरी है और वे सुख की तलाश में इधर- उधर भटक रहे हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश सुख के लिए भारत की तरफ देख रहे हैं क्योंकि भारत उस मूल तक जाता है जहां से सुख की भावना पैदा होती है।

कार्यक्रम में मंत्रियों व सांसदों ने लिया हिस्सा

कोरोना के कारण अनुपस्थित रहने के बावजूद अभिनेता व एनएसडी विद्यालय के अध्यक्ष परेश रावल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता ऑनलाइन माध्यम से की। इस अवसर पर संस्कार भारती के संरक्षक बाबा योगेंद्र ने भी अपने विचार रखे। साथ ही संस्कार भारती से जुड़े वृत्तचित्र भी प्रस्तुत यिा गया। कार्यक्रम में पूर्व सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी, सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य और अरुण कुमार, अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल, वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार, प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे. नंदकुमार, सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर, मंत्री किरण रिजिजू, सांसद व भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष विनय सहबिुद्धे, सांसद व नृत्यांगना डॉ. सोनल मानसिंह, लोकगायिका पद्मविभूषण तीजनबाई, सांसद डाक्टर महेश शर्मा के साथ ही संस्कार भारती के महामंत्री अमीर चंद, संगठन मंत्री अभिजीत गोखले आदि गणमान्य उपस्थित रहे।