पीड़ित परिवार उँचे जगहों पर शरण लेने को विवश
औराई (मुजफ्फरपुर)(आससे)। औराई-कटरा प्रखंड के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में बागमती नदी का रौद्र रूप जारी है। अब तक एक हजार से ज्यादा घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है बाढ़ पीड़ित परिवार ऊंचे स्थानों पर पलायन कर चुके हैं। अभी भी सैकड़ों ऐसे परिवार हैं जो अपने पुराने घर को छोड़ने को तैयार नहीं है। बाढ़ का पानी घर में प्रवेश करने के बावजूद चौकी पर रह कर अपने घर का रखवाली करने को मजबूर हैं। इस तरह की स्थिति कटरा प्रखंड के बरड़ी पंचायत एवं तेहवाडा पंचायत के गांव की है। जहां बागमती नदी अपना रौद्र रूप से सैकड़ों घर को तबाह करने में लगी है। उ
सी तरह औराई प्रखंड के वभनगामा पश्चिमी, राघोपुर तरवना,मधुबन प्रताप, बाडा बुजुर्ग, बाडा खुर्द, महुआ, पटोरी समेत एक दर्जन गांव हैं जहां घर में पानी प्रवेश होने के बावजूद भी दर्जनों परिवार घर छोड़ने को तैयार नहीं है। उक्त स्थल पर प्रशासन की ओर से मोटर चालित नाव के सहारे उन्हें विस्थापित करने की जरूरत है अन्यथा बागमती में ज्यादा पानी आ जाने के कारण उक्त परिवार बागमती पानी में ही समाहित हो सकते हैं।
बागमती नदी के दोनों तटबंधों के बीच जो भी आबादी है जिला प्रशासन उन्हें यथाशीघ्र गांव से निकालने का प्रयास करें अन्यथा उस परिवार का नामोनिशान मिट सकता है। बभनगामा पश्चिमी, राघोपुर, तरवना, जोकि समेत कटरा प्रखंड के वर्री, तेहवाडा पंचायत जो बागमती नदी तटबंध के बीच में हैं। उनकी स्थिति दयनीय है। अधिकतर लोग विस्थापित हो चुके हैं। बावजूद कई लोग अभी भी अपने पुराने घर में छिपे हुए हैं। युवा सेना के दीनबंधु ने प्रशासन से मांग किया है कि बागमती दोनों तटबंधों के बीच वाले गांव को मोटर बोट के सहारे खाली करवाया जाए।
साथ ही वभनगामा पश्चिमी, चहुटा, मधुबन प्रताप एवं अतरारर पंचायत में सामुदायिक किचन खुलवा कर विस्थापित परिवारों को भोजन मुहैया करवाया जाए। औराई अंचल के अंचलाधिकारी ज्ञानानंद ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विस्थापित परिवारों के बीच चूड़ा गुड़ का वितरण किया जा रहा है ।मंगलवार से सामुदायिक किचन खोले जाने की संभावना है।