- भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में एक बार फिर पाकिस्तान और उसके दोस्त चीन पर निशाना साधा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दोनों देशों का बिना नाम लिए कहा कि शंघाई सहयोग संगठन का मुख्य मकसद आतंकवाद और कट्टरपंथ से मुकाबला करना है ऐसे में आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने की जरूरत है। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद और उग्रवाद का मुकाबला करना शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का प्रमुख उद्देश्य है और इसलिए आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकना चाहिए।
वहीं अफगानिस्तान के मुद्दे पर जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान का भविष्य उसका अतीत नहीं हो सकता। भारत ने संघर्षग्रस्त देश के लिए तीन सूत्री रोडमैप पेश किया जिसमें हिंसा और आतंकवादी हमलों की समाप्ति, राजनीतिक बातचीत के माध्यम से संघर्ष का समाधान और पड़ोसी देशों को सुनिश्चित करने के लिए कदम शामिल है। तजाकिस्तान के दुशांबे में जयशंकर ने देश के बड़े हिस्से पर तालिबान लड़ाकों के नियंत्रण पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच रोडमैप पेश किया और कहा कि विश्व के दूसरे देशों के साथ ही अफगान लोग भी एक स्वतंत्र, तटस्थ, एकीकृत, शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक और समृद्ध राष्ट्र चाहते हैं। अफगानिस्तान का भविष्य उसका अतीत नहीं हो सकता। एक पूरी नई पीढ़ी की अलग-अलग उम्मीदें होती हैं, हमें उन्हें निराश नहीं करना चाहिए।
इस दौरान LAC टकराव को लेकर जयशंकर और चीन के समकक्ष वांग यी के बीच तकरीबन एक घंटे बातचीत हुई। इस बैठक में LAC पर टकराव के बीच दोनों देश के एक बार फिर से सैन्य स्तर की बातचीच जल्द शुरू करने राजी हुए। विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों पक्ष पारस्परिक हितों को ध्यान में रखते हुए पूर्वी लद्दाख में एलएसी से संबंधित शेष मुद्दों के जल्द समाधान की दिशा में काम करें। साथ ही द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जाए।