चंदौली। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शिष्यों ने गुरु के आश्रम पहुंच सिस नवा पांव को माथे लगा आर्शिवाद प्राप्त किया। अपने देश में सदियों से गुरु की आरधना करना एक बहुत बड़ी परम्परा रही है। जिसका पालन प्रत्येक वर्ष गुरुपूर्णिमा के अवसर पर शिष्य गुरु के आश्रम में जहां पहुंच अपनी श्रद्घा प्रकट करते हैं। वही विद्यालयों के भी शिष्य अपने गुरु के प्रति श्रद्घा व्यक्त करते हुए सदियों से आ रही परम्परा का निर्वहन करते हैं। पड़ाव प्रतिनिधि के अनुसार गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर क्षेत्र के डोमरी और बरईपुर स्थित सतगुरु धाम आश्रम में गुरु पूर्णिमा महोत्सव खूब धूमधाम से मनाया गया कोविड.19 के दिशा निर्देशों के अनुपालन के साथ दूरदराज से आए सद विप्रो ने सदगुरु स्वामी श्री कृष्णानंद महाराज की प्रत्यक्ष उपस्थिति में गुरु पूजन किया इस अवसर पर स्वामी श्री कृष्णानंद ने घोषित किया कि सद्गुरु समय का सर्वश्रेष्ठ काया वैज्ञानिक होता है उन्होंने बताया कि हमारी संस्कृति ने वेदों पुराणों स्मृतियों उपनिषदों में ऋषियों की वाणिया भरी है ये परम उद्धारक श्रेष्ठ मंत्र है किसी एक मंत्र से ही सृष्टि का उद्धार किया जा सकता है। मनुष्य का उद्धार तो सामान्य घटना मात्र है वेदों से पूर्व भी गुरु थे अत: भारत ही विश्व का प्रथम और अंतिम देश है जहां गुरु की पूजा की जाती है गुरु ही त्राण करने वाला होता है। निर्गुण निराकार परमात्मा जिस व्यक्तित्व में मुखर होता है वही साकार परमात्मा है। इस मौके पर मुख्य रूप से राष्ट्रीय संगठन आचार्य सुनील जी आनंद जी ज्ञानेश्वर स्वामी संत भुनेश्वर भारती आचार्य गुलाब सिंह तथा अनन्य सद विप्र इक_ा होकर लाभ प्राप्त किए। चहनियां प्रतिनिधि के अनुसार अघोराचार्य बाबा कीनाराम की तपोस्थली रामगढ़ में शनिवार को गुरुपूर्णिमा पर्व कोविड 19 के प्रोटोकाल का पालन करते हुए बड़े धूमधाम व हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। मठ की व्यवस्था देख रहे पंकज पाण्डेय द्वारा सर्वप्रथम बाबा कीनाराम जी की आरती व हवन पूजन किया गया तथा आये हुए दर्शनार्थियों को प्रसाद वितरण करते हुए किया गया। पंकज पाण्डेय ने बताया कि पीठाधीश्वर सिद्धार्थ राम गौतम जी के आदेशानुसार एवं जिला प्रशासन व बलुआं पुलिस के देख रेख में अघोराचार्य बाबा कीनाराम की नगरी रामगढ़ मठ में गुरुपूर्णिमा पर्व हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया। मंदिर परिसर में बिना माक्स और सेनेटाइजर के प्रवेश न कर सके । मंदिर में आये हुए समस्त दर्शनार्थियों का मंदिर प्रशासन द्वारा रजिस्टर में इंट्री की गयी। इस दौरान मेजर अशोक सिंह, मठ के पुजारी देवदत्त पाण्डेय, प्रभुनाथ पाण्डेय, अर्पित पाण्डेय, अमृत पाठक, मुलायम यादव, पीयूष कुमार, अशोक मौर्य, शिवाजी सिंह इत्यादि लोग मौजूद रहे इलिया प्रतिनिधि के अनुसार गुरु पूर्णिमा पर शनिवार को घुरहूपुरपुर की पहाड़ी की गुफाओं में स्थित बौद्ध स्थल पर भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष अनुयायिओ ने दर्शन पूजन कर मिन्नते की वही बुद्ध के बताए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। तथा प्रसाद स्वरूप खीर का वितरण किया गया। अनुयायिओ ने भगवान बुद्ध के गीत की प्रस्तुति कर पूरे माहौल को भक्ति मय बना दिया। वही महेंद्र संघमित्रा सेवा संस्थान के तत्वावधान में बुद्ध मंदिर सलया सैदूपुर में भी बुद्ध पूर्णिमा पर प्रवचन धम्म दीक्षा का कार्यक्रम संपन्न हुआ जिसमें बौद्ध भिक्षुओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। इस अवसर पर डॉक्टर बुद्ध प्रकाश मौर्य, मंन्गोई, बासदेव मौर्य, नंदलाल, रमाशंकर, अदालत, विजयी, राजकुमार, कृष्णावती देवी, मारकंडे, दशरथ मौर्य, भन्ते चंदन, कल्पू, प्रदुम्न ने भाग लिया। सैयदराजा प्रतिनिधि के अनुसार विकास खण्ड बरहनी के मरूई कुटिया पर गुरू पूर्णिमा के पावन पर्व के शुभ अवसर पर मंदिर को भब्य सजावट किया गया। कुटिया पर सुबह से दर्शनार्थियों की भीड़ लगी रही। मरूई कुटिया के बाबा स्वर्गीय राम सकल दास जी का कुछ माह पूर्व मृत्यु हो जाने के कारण उनकी गद्दी खाली पङी थी आज गुरू पूर्णिमा के शुभ अवसर पर उनके स्थान पर उनके शिष्य विष्णु दास जी को गद्दी आसीन किया गया शिष्य विष्णु दास महाराज ने गुरू के फोटो पर दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया उसके पश्चात सुबह से कुटिया पर पहुचे भक्तगण बाबा स्वर्गीय राम सकल दास के फोटो के सामने सिस नवाया और उनके स्थान पर गद्दी पर विराजमान विष्णु दास महाराज से आशिर्वाद लिया और भक्त गण प्रसाद ग्रहण किये। मुख्य रूप से आज अखबार के वरिष्ठ पत्रकार गनपत राय, श्री मती कुसुम राय, मंगला सिंह, गुप्तेश्वर सिंह सहित काफी संख्या मे भक्त गण मौजूद रहे।