- चीन ने भारत में बुधवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और तिब्बती बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा के प्रतिनिधियों की मुलाक़ात को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लिजिअन से गुरुवार को नियमित प्रेस कॉन्फ़्रेंस में बीजिंग यूथ डेली ने भारत में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन की तिब्बती बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात को लेकर सवाल पूछा. इस सवाल के जवाब में चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
चाओ लिजिअन ने कहा, ”तिब्बत का मामला पूरी तरह से चीन का आंतरिक मामला है और इसमें किसी भी विदेशी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.14वें दलाई लामा महज़ एक धार्मिक व्यक्ति नहीं हैं बल्कि राजनीतिक रूप से एक निर्वासित शख़्स हैं और लंबे समय से चीन विरोधी अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं.”
”वे तिब्बत को चीन से अलग करने की कोशिश कर रहे हैं. चीन मज़बूती से किसी भी विदेशी अधिकारी और दलाई लामा के संपर्क का विरोध करता है. किसी अमेरिकी पक्ष और दलाई लामा की मुलाक़ात अमेरिका की उस प्रतिबद्धता का उल्लंघन है, जिसमें उसने माना है कि तिब्बत चीन का हिस्सा है और वो ‘तिब्बत की आज़ादी’ का समर्थन नहीं करेगा.”
”अमेरिका को चाहिए कि वो अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करे और चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना बंद करे. अमेरिका को चीन विरोधी अलगाववादी गतिविधियों में शामिल लोगों का समर्थन नहीं करना चाहिए. चीन अपने हितों की रक्षा के लिए हर क़दम उठाएगा.”