- Coronavirus super variant ‘Covid-22’: विशेषज्ञों ने चेताया है कि कोविड-19 से बदतर कोरोना वायरस का ‘सुपर वेरिएन्ट’ अगले साल सामने आ सकता है और बिना टीकाकरण के सभी इंसान संभावित सुपर स्प्रेडर है. सुपर स्प्रेडर वो संक्रमित इंसान है जो औसत से ज्यादा लोगों में बीमारी फैलाता है. मान लीजिए दो शख्स में बीमारी का लक्षण नहीं दिखाई दे रहा है, दोनों अपनी रोजमर्रा की जिंदगी बिता रहे हैं. एक शख्स दो लोगों को वायरस फैला देता है जबकि दूसरे शख्स में दस लोगों को बीमार करने की क्षमता हो सकती है. सुपर स्प्रेडर ज्यादातर ‘ट्रांसमिशन की नई चेन शुरू करते हैं, कम्यूनिटी ट्रांसमिशन पैदा करते हैं, अगला चरण शुरू करते हैं.’ औसतन 2 से ढाई लोगों में कोविड-19 फैलाते हैं.
कोरोना वायरस के ‘सुपर वेरिएन्ट’ पर कड़ी चेतावनी
ज्यूरिख में इम्यूनोलोजिस्ट प्रोफेसर साईं रेड्डी ने कहा कि मौजूदा स्ट्रेन का मिश्रण एक नया और ज्यादा खतरनाक महामारी के दौर का नतीजा हो सकता है. उन्होंने सावधान किया “अभी जो कुछ हम देख रहे हैं, कोविड-19 उससे भी बदतर हो सकती है.” नतीजतन, अगले कुछ वर्षों में एक से ज्यादा टीकाकरण की तैयारी की जरूरत होगी क्योंकि दुनिया में विकसित हो रहे खतरे से लड़ाई जारी रहेगी, ‘हो सकता है हमारी बाकी की जिंदगी तक’.
वर्तमान की कोविड-19 और भी हो सकती है बदतर
उन्होंने आगे बताया कि डेल्टा का वायरल लोड इतना ज्यादा है कि बिना टीकाकरण और वेरिएन्ट से संक्रमित हर शख्स सुपर स्प्रेडर हो सकता है. उनका कहना है कि डेल्टा के कारण ‘अब ये कोविड-19 नहीं रहा’ और खरबदार किया कि वैक्सीन लगवाने से इंकार करनेवाला किसी वक्त संक्रमित हो जाएगा. डॉक्टर रेड्डी ने बताया कि सभी बच्चों का टीकाकरण कराया जाना चाहिए क्योंकि इसके पर्याप्त सबूत हैं कि वैक्सीन 12 साल से नीचे की उम्र के बच्चों के लिए खतरा नहीं है.