- यूरोपीय देशों ने अफगानिस्तान से हवाई मार्ग से लोगों को निकालने को लेकर घटते दिनों की बृहस्पतिवार चेतवानी दी जबकि वहीं ब्रिटेन के एक अधिकारी ने आगाह किया है कि काबुल हवाई अड्डे पर जल्द हमला किया जा सकता है। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद हजारों लोग मुल्क छोड़ने की कोशिश में हैं और काबुल हवाई अड्डे के जरिए वे देश से निकलना चाह रहे हैं।
अफगानिस्तान की स्थिति पर फ्रांस ने जताई चिंता
फ्रांस ने कहा कि वह शुक्रवार रात से अफगानिस्तान से लोगों को निकालना बंद कर देगा जबकि डेनमार्क ने कहा कि काबुल हवाई अड्डे से उसकी आखिरी उड़ान रवाना हो चुकी है। फ्रांस के प्रधानमंत्री ज्यां कास्ते ने फ्रांसीसी रेडियो ‘आरटीएल’ से कहा कि 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की वजह से ”हम कल शाम के बाद से काबुल हवाई अड्डे से लोगों को निकाल नहीं पाएंगे।”
रात में, अफगानिस्तान के इस्लामिक स्टेट से जुड़े संभावित खतरे के बारे में पश्चिमी देशों की राजधानियों से नई चेतावनियां सामने आईं। तालिबान ने देशभर की जेलों से कैदियों को रिहा कर दिया जिसके बाद इस्लामिक स्टेट की ताकत बढ़ने की आशंका है।
ब्रिटेन पहले ही जता चूका है हमले की आशंका
ब्रिटेन के सशस्त्र बल मंत्री जेम्स हीप्पे ने बृहस्पतिवार को बीबीसी से कहा कि हवाई अड्डे पर “आसन्न हमले की बहुत विश्वसनीय सूचना है।” हीप्पे ने माना कि लोग किसी भी तरह से देश से निकलना चाह रहे हैं, और कतार में लगे कई लोग अपना भाग्य आज़माना चाहते हैं लेकिन इस खतरे की सूचना वास्तव में विश्वसनीय है और जल्दी वास्तविकता में बदल सकती है।
डेनमार्क ने आगाह किया काबुल अब सुरक्षित नहीं
इस बीच डेनमार्क की रक्षा मंत्री ट्राइन ब्रामसे ने आगाह किया है कि विमानों को काबुल भेजना या काबुल से उड़ान भरना अब सुरक्षित नहीं है। डेनमार्क की आखिरी उड़ान 90 से अधिक सैनिकों और राजनयिकों को लेकर काबुल से रवाना हो चुकी है।