नई दिल्ली, । अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत के कब्जे के बाद भारत में रह रहे अफगानी नागरिक जो डर से कई साल पूर्व भागकर भारत आ गये थे, वे अब और ज्यादा डरे सहमे हुए हैं। ये सभी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। ये फिलहाल अफगानिस्तान नहीं लौटना चाहते। और अपनी बेहतर जिंदगी के लिये बीते 10 दिनों से ज्यादा समय से राजधानी दिल्ली के वसंत विहार में स्थित यूनाइटेड नेशन हाई कमीशन फॉर रिफ्यूजी (UNHCR)के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे हैं। धरने पर बैठे लोगों में पुरुष, महिलाएं, बुजुर्ग समेत छोटे-छोटे बच्चे भी हैं। ये लोग रिफ्यूजी स्टेट्स की मांग को लेकर पैन कार्ड हाथ में लेकर लगातार नारे लगा रहे हैं।
दिल्ली में बीते तीन दिनों से बारिश भी हो रही है लेकिन इन विपरीत परिस्थिति के बावजूद अफगानी नागरिक रिफ्यूजी स्टेट्स की मांग को लेकर अड़े हैं। अफगान सॉलिडैरिटी कमेटी के सदस्य मोहम्मद कायस मलिक जादा कह रहे हैं कि बारिश हो रही हैं। लेकिन हमारी मजबूरी है। हमारे पैसे खत्म हो चुके हैं। खाने पीने घर के किराये के पैसे नहीं हैं। जब हम लोग यहां आए हैं रिफ्यूजी बनकर तो यूनाइटेड नेशन हाई कमीशन फॉर रिफ्यूजी (UNHCR)का फर्ज बनता है कि हमें सपोर्ट करे। लेकिन यूएनएचसीआर का हमें कोई समर्थन नहीं मिल रहा।
अफगानिस्तान से पैसे आने हो गए बंद
धरने पर बैठे अफगानी नागरिक बताते हैं कि अफगानिस्तान में उन्होंने अपना घर शॉप वगैरह जो किराये पर दिया हुआ था। उससे जो पैसा आता था उसी से भारत में रहने के दौरान उनका घर खर्च चलता था। लेकिन अफगानिस्तान के बदले हालात के बाद वहां से उनके लिये पैसे आने बंद हो चुके हैं। इसके चलते उनके सामने बड़ा वित्तीय संकट खड़ा हो गया है। आय के सारे दरवाजे बंद हो चुके हैं। ऐसी परिस्थितियों में अफगानी नागरिक की सभी उम्मीदें यूनाइटेड नेशन हाई कमीशन फॉर रिफ्यूजी (UNHCR) से हैं।
रिफ्यूजी स्टेट्स देना दोबारा शुरू हो