- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी अमेरिका यात्रा के लिए रवाना हुए. वे वहां पहले व्यक्तिगत रूप से क्वाड नेताओं की समिट में भाग लेंगे, द्विपक्षीय बैठकें करेंगे और संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे.
नई दिल्ली: कोरोना काल के बाद पीएम नरेंद्र मोदी पहली बार तीन दिन के अमेरिकी दौरे पर बुधवार को रवाना हो गए. इस यात्रा में पीएम के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव भी मौजूद हैं. अमेरिका रवाना होने से पहले पीएम ने कहा कि वह संयुक्त राज्य अमेरिका के महामहिम राष्ट्रपति जो बाइडेन के निमंत्रण पर 22-25 सितंबर 2021 तक यूएसए का दौरा कर रहे हैं.
अमेरिका रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने एक बयान में अपनी पूरी यात्रा का ब्योरा दिया. उन्होंने कहा, ‘मैं अमेरिका राष्ट्रपति बाइडेन के साथ व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी और पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करूंगा. मैं दोनों देशों के बीच विशेष रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग के अवसरों का पता लगाने के लिए उप राष्ट्रपति कमला हैरिस से मिलने के लिए भी उत्सुक हूं.’
बयान में आगे कहा गया, ‘मैं राष्ट्रपति बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा के साथ पहले व्यक्तिगत रूप से क्वाड लीडर्स शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा. शिखर सम्मेलन इस साल मार्च में हमारे आभासी शिखर सम्मेलन के परिणामों का जायजा लेने और भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए हमारे साझा दृष्टिकोण के आधार पर भविष्य की गतिविधियों के लिए प्राथमिकताओं की पहचान करने का अवसर प्रदान करता है. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री सुगा से उनके संबंधित देशों के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का जायजा लेने और क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर हमारे उपयोगी आदान-प्रदान को जारी रखने के लिए भी मिलूंगा.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक संबोधन के साथ अपनी यात्रा का समापन करूंगा, जिसमें कोविड महामारी, आतंकवाद से निपटने की आवश्यकता, जलवायु परिवर्तन और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों सहित वैश्विक चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. अमेरिका की मेरी यात्रा संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने, हमारे रणनीतिक भागीदारों जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ संबंधों को मजबूत करने और महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर हमारे सहयोग को आगे बढ़ाने का अवसर होगा.’