- पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से लगे कई क्षेत्रों में भारत और चीन की सेनाओं के बीच लगभग 17 महीनों से गतिरोध बना हुआ है। वैसे दोनों पक्ष श्रृंखलाबद्ध वार्ता के बाद टकराव वाले कई बिंदुओं से पीछे हटे हैं। इस बीच एलएसी पर जारी तनाव को लेकर भारत और चीन के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता का अगला दौर कल यानी रविवार को होगा।
गतिरोध के बाकी स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर चर्चा होगी
इस मीटिंग में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास गतिरोध के बाकी स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर चर्चा होगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारत के लद्दाख कोर कमांडर और चीनी दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिला कमांडर के बीच चुशुल में यह बैठक होगी। 13वें दौर की बैठक में पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 या हॉट स्प्रिंग्स से पीछे हटने पर होगा।
पिछले साल 5 मई को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच सीमा गतिरोध शुरू हुआ था
बता दें कि पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख में पिछले साल 5 मई को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच सीमा गतिरोध शुरू हुआ था। दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों के साथ-साथ भारी हथियारों के साथ अपनी तैनाती बढ़ा दी।
संवेदनशील क्षेत्र में एलएसी से लगे क्षेत्र में दोनों ओर के लगभग 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं
एक श्रृंखलाबद्ध सैन्य और राजनयिक वार्ता के परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने अगस्त में गोगरा क्षेत्र से वापसी की प्रक्रिया पूरी की। फरवरी में, दोनों पक्षों ने एक समझौते के अनुरूप पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से सैनिकों और हथियारों की वापसी पूरी की। वर्तमान में संवेदनशील क्षेत्र में एलएसी से लगे क्षेत्र में दोनों ओर के लगभग 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं।