- नई दिल्ली, । भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना ने शुक्रवार को वकीलों से न्यायपालिका को लक्षित और प्रेरित हमलों से बचाने का आग्रह किया। CJI ने कहा कि वकील और जज एक बड़े परिवार का हिस्सा हैं और बार को इस बात के लिए खड़ा होना चाहिए कि क्या सही है और क्या गलत है।
उन्होंने कहा, ‘मैं आप सभी से कहना चाहता हूं कि आप जजों और संस्था की मदद जरूर करें। हम सब अंततः एक बड़े परिवार का हिस्सा हैं। प्रेरित और लक्षित हमलों से संस्थान की रक्षा करें। जो सही है उसके लिए और जो गलत है उसके खिलाफ खड़े होने में संकोच न करें।’ बता दें कि रमना संविधान दिवस के अवसर पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1949 में इसी दिन भारत की संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया था, जो बाद में 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ। इस दिन को पहले विशेष रूप से कानूनी समुदाय द्वारा कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था, इससे पहले 2015 में भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर इस दिन को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया था।
CJI ने शुक्रवार को अपने भाषण में स्वतंत्रता सेनानियों और संविधान सभा के सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने भारत के लोगों को संविधान दिया। इस संबंध में उन्होंने विशेष रूप से कानूनी समुदाय की भूमिका पर प्रकाश डाला। CJI ने संविधान को एक जैविक और जीवंत दस्तावेज बनाने में विभिन्न व्यक्तियों के योगदान को भी सराहा।