दिल्ली/ सोनीपत। दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन की समाप्ति या उसे जारी रखने को लेकर मंगलवार को दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक चल रही थी। इस बैठक में आंदोलन के भविष्य पर निर्णय होना था। इस बैठक में अचानक से नया मोड़ आ गया। अचानक 5 सदस्यीय कमेटी मोर्चा कार्यालय से निकल कर कहीं और रवाना हो गई। ये बैठक एमएसपी सहित कई अन्य मुद्दों पर हो रही थी।
इस बैठक में भी सरकार की ओर से भी कई प्रतिनिधि मौजूद थे। बैठक में गुरनाम चढूनी, शिवकुमार कक्का, धावले समेत कई नेता मौजूद थे। अचानक इन सदस्यों के कहीं चले जाने से ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि ये लोग सरकार के नुमाइंदों से बैठक करने के लिए चले गए हैं, खैर कुछ भी अभी साफ नहीं हो सका है।
दरअसल किसान आंदोलन को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा को इस दिन अहम निर्णय लेना था। सिंघु बार्डर पर इसी बैठक में आंदोलन के भविष्य पर निर्णय होना तय था। मालूम हो कि कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब मोर्चा ने एमएसपी गारंटी का कानून बनाने सहित छह मांगों पर विचार के लिए प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा है। साथ ही इन मांगों पर सरकार के साथ वार्ता के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई थी, लेकिन बातचीत के लिए सरकार की ओर से कोई न्योता नहीं आया। कमेटी के सदस्यों ने इसे शर्मनाक बताते हुए प्रदर्शन को तेज करने और दिल्ली कूच की बात कही थी।