जम्मू, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को परिसीमन आयोग की अंतरिम रिपाेर्ट को लेकर विभिन्न संगठनों द्वारा जताई जा रही आपत्तियों से खुद को अलग करते हुए कहा कि जिन्हें एतराज है, वे लिखित तौर पर अपना पक्ष आयोग के समक्ष रखें। परिसीमन आयोग का गठन संसद द्वारा पारित एक कानून के तहत ही हुआ है।
आज यहां बजालता में एक समारोह के दौरान पत्रकारों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि परिसीमन आयोग और जम्मू-कश्मीर में चुनाव, इन दोनों ही मामलों में प्रदेश सरकार कोई ज्यादा भूमिका नहीं है। चुनाव आयोग एक विधि सम्मत स्वायत्त संस्था है और परिसीमन आयोग इसके अधीन ही कार्य करता है। अगर किसी को परिसीमन आयोग की सिफारिशों पर एतराज है तो वह लिखित तौर पर अपनी आपत्तियां और सुझाव आयोग को सीधे भेजें। अगर कोई नागरिक मानता है कि परिसीमन सही नहीं हाे रहा है, तो वह आयोग को इससे अवगत कराए ताकि इस मुद्दे पर एक सकारात्मक चर्चा हो सके।
उन्होंने सुरक्षाबलों की सराहना करते हुए कहा कि बीते 70 साल के दौरान हमारे सुरक्षाबलों ने देश के विभिन्न हिस्सों में विशेषकर जम्मू-कश्मीर में जो भूमिका निभाई है, वह प्रशंसनीय है। जिस तरीके से हमारे सुरक्षाबल सभी चुनौतियों का सामना करते हुए उनसे पार पाते हैं, वह सराहणीय और अनुकरणीय है।