इस्लामाबाद, : पाकिस्तान की इमरान खान सरकार की वित्तीय चुनौतियां नकदी की तंगी के साथ बढ़ती ही जा रही हैं। पाकिस्तान ने एक साल पहले सऊदी अरब से करीब 300 अमेरिकी डालर करोड़ का ऋण लिया था। जिसे अब पाक को वापस करना होगा, यह ऋण प्रत्येक तिमाही में चार फीसदी ब्याज की दर पर लिया गया था।
साल 2021 में फिर से चालू हुई आर्थिक मदद
सऊदी अरब ने अक्टूबर 2021 में पाकिस्तान के लिए अपनी वित्तीय सहायता को फिर से चालू करने पर सहमती जताई थी। जिसमें सुरक्षित जमा राशि के तौर पर करीब 300 करोड़ अमरीकी डालर और आस्थगित भुगतान को तौर पर 120 से 150 करोड़ अमेरीकी डालर मूल्य की तेल आपूर्ति शामिल थी। इससे पाकिस्तान को अपनी वित्तीय योजना के बारे में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) को समझाने में मदद मिलने की उम्मीद थी। द टाइम्स आफ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, इसके प्रतिनिधियों ने पिछले हफ्ते इस्लामाबाद से आर्थिक सुधारों पर और अधिक जोर देने के लिए कहा है। उन्होंने सिर्फ टैक्स में बढ़ोतरी से और अधिक ऊपर जाने के लिए कहा है।
ब्याज दरों पर पाक की सफाई
पाकिस्तान के वित्त मंत्री शौकत तारिन ने सऊदी के ऋण पर ब्याज दरों को लेकर कहा कि दुनिया भर में ब्याज दरें बढ़ रही हैं। चार फीसदी की ब्याज दर कोई बुरा सौदा नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भी मामले में आस्थगित भुगतान की कोई गुंजाइश नहीं थी। मंत्री ने कहा कि अगर कोई होता भी है, तो वास्तविक ऋण समझौते में इसका उल्लेख जरूर किया गया होता।