कीव,। रूस और यूक्रेन के बीच हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। यूक्रेन की सेना ने गुरुवार को पूर्वी यूक्रेन में रूसी समर्थित बलों पर लुहान्स्क क्षेत्र के एक गांव में गोले दागने का आरोप लगाया। जिसमें एक किंडरगार्टन को निशाना बनाया गया। यूक्रेनी सेना ने कहा कि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ है।
इससे पहले पूर्वी यूक्रेन में रूसी समर्थित अलगाववादियों ने सरकारी बलों पर पिछले 24 घंटों में चार बार उनके क्षेत्र में गोलीबारी करने का आरोप लगाया और कहा कि वे यह स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं, दूसरी ओर यूक्रेन पर अपने संघर्ष को लेकर तनाव कम होने के संकेत देते हुए रूस ने बुधवार को कहा कि वह पश्चिम के साथ बातचीत को मंजूरी देने के अलावा सीमा पर तैनात अधिक सैनिकों और हथियारों को वापस अपने ठिकानों पर लौटा रहा है। हालांकि, अमेरिका और उसके कुछ नाटो सहयोगी इस मामले पर सख्ती से बरत रहे हैं।
मंगलवार को रूस के रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की थी कि सैन्य अभ्यास में भाग लेने वाली कुछ टुकड़िया अपने ठिकानों पर लौटना शुरू कर देंगी। यह बयान जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने के बाद आया था। जहां उन्होंने कथित तौर पर रूस से मौजूदा तनाव को कम करने के लिए स्पष्ट कदम की मांग की थी।
बता दें कि रूस चाहता है कि पश्चिम यूक्रेन और अन्य पूर्व सोवियत देशों को उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) से बाहर रखे, अपनी सीमाओं के पास हथियारों की तैनाती को रोके और पूर्वी यूरोप से सेना को वापस बुलाए। राजनयिक वार्ता की विफलता ने रूस को यूक्रेन के पास अपने सैनिकों को तैनात करने के लिए प्रेरित किया है। अमेरिका और उसके सहयोगियों को यूक्रेन में संभावित रूसी आक्रमण के बारे में सोचने के लिए प्रेरित किया है। हालांकि, रूस ने किसी भी आक्रमण की योजना से इनकार किया है और इसे पश्चिम का ‘हिस्टीरिया’ और ‘पागलपन’ कहा है।