नई दिल्ली,। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को चीन के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला और उन्हें व रक्षामंत्री से जवाब मांगा है। इसपर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने राहुल गांधी को कुंदद्धि कहा और बोला, ‘पप्पू जी के कमाल का कोई रास्ता नहीं है। कहीं और से सुपारी लेकर देश को बदनाम करने के षड्यंत्र और सुरक्षा बलों के मनोबल को तोड़ने की साजिशों में लगे हैं तो उसका कोई इलाज नहीं है।’ आक्रामक रवैया अपनाते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा, ‘इस देश की सुरक्षा करना प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी है। इस समस्या से उन्हें कैसे निपटना है यह उनकी परेशानी है मेरी नहीं।’ उन्होंने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि डरकर उन्होंने चीन के सामने घुटना टेक दिया है और यह हमारी सेना के बलिदान का अपमान है।
चीन का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि कल रक्षा मंत्री ने संसद में अपनी बात कही, इसमें कुछ चीजें हैं जो साफ होनी चाहिए। उन्होंने चीन के मामले में शुरुआत से सरकार की स्थिति का ब्यौरा दिया और कहा कि शुरुआत में सरकार कह रही थी कि अप्रैल से पहले वहां यथास्थिति हो जाएगी, लेकिन अब रक्षा मंत्री ने आकर बयान दिया है कि हमारी जगह फिंगर 4 पर है, लेकिन सरकार ने फिंगर 3 पर सहमति क्यों दी।
डेपसांग से वापस क्यों नहीं गया चीन
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय क्षेत्र को चीन को क्यों दिया? इसका जवाब उन्हें और रक्षा मंत्री को देना चाहिए। क्यों सेना को कैलाश रेंज से पीछे हटने को कहा गया? डेपसांग प्लेन्स से चीन वापस क्यों नहीं गया? हमारी जमीन फिंगर-4 तक है। मोदी ने फिंगर-3 से फिंगर-4 की जमीन चीन को पकड़ा दी है।’ उन्होंंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदुस्तान की जमीन चीन को पकड़ाई है यह सच्चाई है। मोदी जी इसका जवाब दें। मोदी जी ने चीन के सामने सिर झुका दिया है। जो रणनीतिक क्षेत्र है जहां चीन अंदर आकर बैठा है उसके बारे में रक्षा मंत्री ने एक शब्द नहीं बोला।’
सेना के बलिदान का अपमान
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री चीन का साथ नहीं दे सकते हैं। वे हमारी सेना के बलिदान का अपमान कर रहे हैं। भारत में किसी को भी ऐसा करने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।’ डेपसांग मसले पर कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि वहां से चीनी सेना अभी तक पीछे क्यों नहीं हटी है। उन्होंने कहा, ‘इससे स्पष्ट है कि देश के प्रधानमंत्री ने भारत की पवित्र जमीन चीन को पकड़ा दी है। ‘