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निर्वाचन आयोग का एक्‍शन, वाराणसी और मेरठ में विशेष पर्यवेक्षक किए तैनात


नई दिल्ली,  मतगणना से पहले ईवीएम (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) में गडबड़ी को लेकर उठे सवालों के बीच चुनाव आयोग ने मतगणना की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी रखने के लिए और सख्ती दिखाई है। इसके तहत सबसे संवेदनशील माने जा रहे वाराणसी व मेरठ जिले में मतगणना के लिए विशेष पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई है। जिसमें चुनावी प्रक्रिया के सबसे अनुभवी माने जा रहे बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी      (सीईओ) को वाराणसी और दिल्ली के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) को मेरठ भेजा गया है।

मतगणना की तैयारियों को बताया

आयोग ने इसके साथ ही ईवीएम में गडबड़ी के आरोपों को बेबुनियाद बताया है। चुनाव आयोग ने सेक्रेटरी जनरल उमेश सिन्हा, वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त चंद्र भूषण कुमार और उप निर्वाचन आयुक्त नीतेश व्यास ने बुधवार शाम को चुनिंदा पत्रकारों से चर्चा में मतगणना की तैयारियों की जानकारी दी।

671 मतगणना पर्यवेक्षक किए तैनात

आयोग ने बताया कि पांचों चुनावी राज्यों में मतगणना की पूरी व्यवस्था को शांतिपूर्ण, पारदर्शी व निष्पक्ष रखने के लिए करीब 671 मतगणना पर्यवेक्षक, 130 पुलिस पर्यवेक्षक और दस विशेष पर्यवेक्षकों की तैनाती दी है। जो वाराणसी और मेरठ में तैनात किए गए विशेष पर्यवेक्षकों के अतिरिक्त है।

मतगणना की व्यवस्था फुलप्रूफ रखने के निर्देश

आयोग ने इसके साथ ही सभी चुनावी राज्यों के सीईओ और जिलों के डीईओ को मतगणना की व्यवस्था को पूरी तक से फुलप्रूफ रखने के भी निर्देश दिए है। जिसमें आयोग की ओर से तय किए गए ईवीएम प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन कराने को कहा है। साथ ही कहा कि यदि इनमें कहीं भी खामी पायी गई तो कड़ी कार्रवाई भी जाएगी।