बेंगलुरु, । बेंगलुरु पुलिस ने गुरुवार को 301 मस्जिदों, मंदिरों, चर्चों और अन्य प्रतिष्ठानों को अपने लाउडस्पीकर का उपयोग अनुमति के अनुसार डेसिबल स्तर के भीतर करने के लिए नोटिस जारी किया है। 301 नोटिसों में से 59 पब, बार और रेस्तरां को, 12 उद्योगों को, 83 मंदिरों को, 22 चर्चों को और 125 शहर भर की मस्जिदों को दिए गए हैं। बता दें कि यह कदम कुछ दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं द्वारा ध्वनि प्रदूषण नियमों का उल्लंघन करने वाले लाउडस्पीकरों को बंद करने की मांग के बाद उठाया गया है।
मस्जिदों से अब नहीं आएगी ज्यादा आवाज
वहीं वहां के जामिया मस्जिद के मौलाना मकसूद इमरान रशीदी (इमाम) ने बताया कि उन्हें पुलिस विभाग से नोटिस मिला है और वे उस आदेश का पालन करेंगे जो लाउडस्पीकर के डेसिबल से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार दिया गया है।
उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए और अगर आदेशों का पालन नहीं किया जाता है तो कार्रवाई शुरू की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने एक डिवाइस को फिट करना शुरू कर दिया है जो यह सुनिश्चित करता है कि ध्वनि अनुमेय स्तर को पार न करे और कोई भी परेशान न हो।
नागपुर के इमाम बोले अजान से नहीं होता शोर
इस बीच जामा मस्जिद नागपुर के अध्यक्ष मोहम्मद हाफिजुर रहमान ने कहा कि अजान अधिकतम ढाई मिनट ही लंबा होता है और इसकी आवाज सीमा के भीतर रहती है और ध्वनि प्रदूषण की श्रेणी में नहीं आती है। उन्होंने साथ ही आरोप लगाया कि अन्य कार्यक्रम अधिक शोर पैदा करते हैं।
महाराष्ट्र से शुरू हुआ था मामला
बता दें कि मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर पर सियासत सबसे पहले महाराष्ट्र से शुरू हुई थी। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे के बयान के बाद कई राज्यों में मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग उठी थी। इन सबके बाद कई नेताओं के बयान सामने आए थे।