नई दिल्ली, । नया स्मार्टफोन खरीदते वक्त ज्यादातर लोग वाई-फाई की तरफ ध्यान नहीं देते हैं। जबकि वाई-फाई फोन के लिए बेहद जरूरी होता है। शायद कम लोगों को ही मालूम होता है कि वाई-फाई कई तरह के होते हैं, जो आपके फोन और इंटरनेट कनेक्टिविटी पर सीधा असर डालते हैं। मतलब अगर फोन में पुराने जनरेशन का वाई-फाई मौजूद है, तो आपके फोन की इंटरनेट स्पीड स्लो हो सकती है, भले ही आपका स्मार्टफोन नया क्यों ना हो? हाई स्पीड इंटरनेट के बावजूद पुराने जनरेशन वाई-फाई की वजह से कम स्पीड मिलती है। ऐसे में नया स्मार्टफोन खरीदने वक्त जरूर ध्यान देना चाहिए कि आखिर आपके स्मार्टफोन में कहीं पुराने वर्जन वाला वाई-फाई मौजूद तो नहीं है?
साधारण शब्दों में कहें, तो वाई-फाई आपके कवरेज एरिया और स्पीड तय करता है। लेटेस्ट जनरेशन वाले वाई-फाई में ज्यादा कवरेज एरिया और ज्यादा स्पीड मिलती है।
किसने वाई-फाई का किया आविष्कार
Wi-Fi एक पॉप्युलर वायरलेस नेटवर्किंग टेक्नोलॉजी है। WI-Fi यानी वायरलेस फिडैलिटी.. Wi-Fi का आविष्कार साल 1991 में नीदरलैंड के एनसीआई कारपोरेशन/AT&T ने किया था। वाई-फाई के लिए तीन चीज जरूरी होती है, इसमें रेडियो सिग्नल, एंटीना और राउर शामिल होते हैं। रेडिवो वेव वाई-फाई नेटवर्क के लिए बेहद जरूरी हिस्सा होता है। कंप्यूटर और सेलफोन वाई-फाई कार्ड के साथ आते हैं।
कितने तरह के होते हैं वाई-फाई
पहली बार साल 1997 में वाई-फाई में IEEE(इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिक एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग) की तरफ से Institute of Electrical and Electronics Engineers) वाई-फाई को पेश किया गया था. उस वक्त इसे 802.11a नाम से पेश किया गया था।
Wi-FI 1
साल 1999
1st जनरेशन (802.11b)
स्पीड – 11Mbps
फ्रिक्वेंसी – 5 GHz
Wi-Fi 2
2nd जनरेशन (802.11a)
साल 1999
स्पीड – 54Mbps
फ्रिक्वेंसी – 2.4 GHz
Wi-Fi 3
3rd जनरेशन (802.11g)
साल 2003
स्पीड – 54Mbps
फ्रिक्वेंसी – 2.4GHz
Wi-Fi 4
4th जनरेशन (802.11n)
साल 2009
स्पीड – 300+Mbps
फ्रिक्वेंसी – 2.4GHz और 5GHz
Wi-Fi 5
5th जनरेशन (802.11ac)
साल 2014
स्पीड – 1.3 Gbps
फ्रिक्वेंसी – 5GHz
Wi-Fi 6
6th जनरेशन (802.11ax)
साल 2018
स्पीड – 10 से 12Gbps
फ्रिक्वेंसी – 2.4 GHz और 5GHz
Wi-Fi 6E
साल – 2021
स्पीड – 12 से 17Gbps
फ्रिक्वेंसी – 2.4GHz, 5GHz, 6GHz