नई दिल्ली, । गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूलों के शिक्षकों-शिक्षिकाओं के संबंध में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले से याचिकाकर्ता शिक्षकों के चेहरे खिल गए हैं। वेतन कटौती के मामले पर स्कूल प्रशासन की तरफ से कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिलने पर 41 शिक्षकों ने अपने हक के लिए अप्रैल 2021 में अदालत का दरवाजा खटखटाया। एक साल तक चली सुनवाई के बाद अब हाई कोर्ट से आए निर्णय का शिक्षकों ने स्वागत किया है।
एल्कान स्कूल में 32 साल से प्री-प्राइमरी शिक्षिका के रूप में पढ़ा रही याचिकाकर्ता ओमिता मागो ने कहा कि स्कूल प्रशासन बीते छह साल से हमें सातवां वेतन आयोग का लाभ देने की बात तो कर रहा था, लेकिन दे नहीं रहा था। कोरोना महामारी के बीच स्कूल प्रशासन ने हमारे वेतन में कटौती दी। इसके कारण कई शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। आनलाइन क्लास के कारण हम पर काम बोझ तो बढ़ा लेकिन वेतन में काटौती के कारण लोन समेत परिवार की जिम्मेदारी उठाना कई शिक्षकों के लिए मुश्किल हो गया।