पटना (आससे)। बीपीएससी परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के बाद बिहार में बवाल मचा है। इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए हैं। प्रश्न पत्र वायरल होने के बाद बीपीएससी ने परीक्षा को रद्द कर दिया है। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। सोमवार को जनता दरबार कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि जैसे ही प्रश्न पत्र आउट होने की जानकारी मिली उसके बाद एक्शन लिया गया और परीक्षा को तत्काल कैंसिल कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रश्न पत्र कहां से लीक हुआ, कैसे लीक हुआ इन तमाम चीजों को देखा जा रहा है। परीक्षा शुरू होने से पहले यह कैसे लीक हुई, इसकी पूरी जांच की जा रही है। जानकारी मिलने के बाद रविवार की शाम में ही मैंने सभी लोगों से बातचीत की थी। इसके बाद मैंने यह निर्देश दिया है कि जितनी जल्दी हो सके जांच कर काररवाई करें। भविष्य में ऐसा दोबारा न हो इस पर भी काम होना चाहिए।
बिहार में बढ़ते साइबर क्राइम पर नीतीश कुमार ने कहा कि गड़बड़ी करने वालों पर काररवाई की जा रही है। प्रशासनिक स्तर पर काफी सक्रियता बढ़ाई जा रही है। सबके लिए गाइडलाइन बनाया गया है। बिहार में किसी भी क्राइम पर तेजी से एक्शन लिया जाता है।
वहीं, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उनसे पुराना संबंध है, इस नाते वो मुझसे मिलने आए थे। उनकी इच्छा हुई वो आए और उन्होंने मुझसे बात की। शिक्षा के विषय पर भी उनसे चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि धर्मेंद्र प्रधान से बातचीत का कोई अर्थ निकालने की जरूरत नहीं है, वो बिल्कुल निजी मुलाकात थी। वो दिल्ली से किसी खास चीज को जानने या उस पर चर्चा करने बिहार नहीं आए थे।
बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि योजना आयोग की रिपोर्ट पर हम लोगों ने हर एक बिंदु पर जवाब भेज दिया है। हमारी पुरानी मांग है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले। बिहार में कोई डिपार्टमेंट नहीं है जिसने मेहनत कर विकास नहीं किया। विशेष दर्जा की मांग को लेकर हमने कई आंदोलन किये। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य का पहले क्या हाल था, आज बड़ा परिवर्तन हुआ है। लोग बोलते हैं, बयानबाजी करते रहते हैं। लेकिन हम तो सेवक हैं लोगों की सेवा करते रहेंगे।
जातिगत जनगणना कराये जाने के सवाल पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सभी दलों से बातचीत कर इस पर निर्णय लिया जाएगा। हम चाहेंगे कि सभी दल के लोग बैठें और उनकी राय के अनुसार निर्णय लिया जाएगा। अगर बिहार में जातिगत जनगणना होगी तो पूरे तौर पर होगा, आधा अधूरा नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना और धार्मिक आयोजनों के कारण इस पर बैठक नहीं हो पाई थी।