नई दिल्ली, । PM Modi Japan Visit: जापान में क्वाड बैठक में हिस्सा लेने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेशी धरती में सुर्खियों में हैं। पूरे जापान में नमो-नमो का डंका बज रहा है। पीएम मोदी के भाषण को जापानी मीडिया में काफी तरजीह दिया है। इसे सभी प्रमुख अखबारों ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया है। उधर, यूक्रेन जंग में भारतीय तटस्थता नीति के खिलाफ अमेरिका के भी सुर बदले हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि भारत क्वाड का एक प्रमुख खिलाड़ी है। उन्होंने कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र के रणनीतिक सहयोग भारत की अहम भूमिका होगी। क्वाड में भारत के बढ़ते कद से चीन को जरूर मिर्ची लगी होगी। क्या यह भारत की कूटनीतिक जीत है। यूक्रेन मामले को लेकर भारत से नाराज चल रहा अमेरिका क्या भारत के साथ उसी तरह से दोस्ती का निर्वाह करेगा।
1- प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि रूस यूक्रेन जंग के बाद जिस तरह से क्वाड के दो प्रमुख देशों अमेरिका और आस्ट्रेलिया भारत की तटस्थता नीति के खिलाफ खड़े थे, उसे देखते हुए निश्चित रूप से यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक जीत है। उन्होंने कहा कि क्वाड शिखर सम्मेलन में अमेरिका के सुर पूरी तरह से बदले हुए है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन का यह संकेत कि क्वाड में भारत का एक अहम किरदार है। यह भारत अमेरिका रिश्तों के लिए शुभ संदेश है।
2- उन्होंने कहा कि हाल में इस तरह की खबरें आ रही थीं कि यूक्रेन संघर्ष के चलते अमेरिका और भारत के रिश्तों में दरार आ रही है। यह भी चर्चा थी कि क्वाड में भारत का कद कम होगा और दक्षिण कोरिया को इसमें स्थान मिलेगा। क्वाड शिखर सम्मेलन के बाद इस चर्चा पर विराम लग गया है। अमेरिका ने यह बता दिया है कि भारत किसी भी हाल में उसका रणनीतिक साझेदार रहेगा। उन्होंने कहा कि बाइडन ने क्वाड बैठक के पूर्व भारत को लेकर जो संदेश दिया है, उससे भारत ओर अमेरिका के संबंधों को एक नई गति मिल सकती है।
3- प्रो पंत ने कहा कि क्वाड में भारत को जो महत्व मिल रहा है, उससे चीन को मिर्ची लगना लाजमी है। चीन कभी नहीं चाहेगा कि क्वाड में भारत एक प्रमुख किरदार के रूप में उभरे। उधर, बाइडन ने क्वाड में भारत को प्रमुख खिलाड़ी कहकर चीन में खलबली मचा दी है। बता दें कि भारत चीन सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी तनाव चल रहा है।
मोदी की पांचवी जापान यात्रा
वर्ष 2014 के बाद प्रधानमंत्री मोदी की ये 5वीं जापान यात्रा है। इसके अलावा वह गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए भी दो बार जापान जा चुके हैं। वह पहली बार वर्ष 2007 में जापान की यात्रा पर गए थे, जब शिंजो आबे जापान के प्रधानमंत्री थे। दूसरी बार वर्ष 2012 में वह जापान के दौरे पर गए थे। इस दौरे के बाद जापान की बड़ी बड़ी कम्पनियां प्रधानमंत्री के विजन से प्रभावित होकर गुजरात में निवेश करने के लिए आई थीं। प्रधानमंत्री मोदी अब यही काम देश के लिए भी कर रहे हैं। पीएम मोदी ने जापान में 30 से ज्यादा कम्पनियों के CEOs से मुलाकात कर उन्हें भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है। इसके अलावा मोदी ने टोक्यो में भारतीय मूल के लोगों को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उन्हें मक्खन पर लकीर करने में मजा नहीं आता, वो पत्थर पर लकीर करना जानते हैं।