नई दिल्ली, । अगले महीने भारत के राष्ट्रपति के चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ओ रक्षा मंत्री और लोकसभा के उप नेता राजनाथ सिंह को सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करने के लिए अधिकृत किया है।
भाजपा के दोनों नेता न केवल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सहयोगियों बल्कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) में विपक्षी दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ भी चर्चा करेंगे। वर्तमान में, जनता दल (यूनाइटेड), पशुपति पारस के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक जन शक्ति पार्टी, अनुप्रिया पटेल की अपना दल, अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआइएडीएमके), दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जननायक जनता पार्टी (जेजेपी), उत्तर-पूर्वी दल, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी), नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ), असम गण परिषद (एजीपी) सहित अन्य भाजपा नीत एनडीए के सहयोगी दल शामिल हैं।
वर्तमान में एनडीए सरकार भारत में सर्वोच्च संवैधानिक पद का चुनाव करने के लिए आम सहमति वाले उम्मीदवार के लिए सभी राजनीतिक दलों से संपर्क करने की कोशिश करेगी। भाजपा के अनुसार, दोनों नेताओं द्वारा विभिन्न राजनीतिक दलों तक पहुंचने की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू होगी।
ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों की बुलाई बैठक
उधर, राष्ट्रपति चुनाव से शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं को एक बैठक के लिए आमंत्रित किया था, जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे शामिल नहीं हो पाएंगे। ममता ने 22 दलों को पत्र लिख बैठक में शामिल होने की अपील की थी। इस बैठक में उद्धव ठाकरे को भी बुलाया गया था। ममता बनर्जी ने यह बैठक राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष द्वारा रणनीति बनाने के लिए रखी है।
जिन लोगों को ममता ने आमंत्रित किया है, उनमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, भाकपा के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा शामिल हैं।