नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मामले में पहली बार ईडी की पूछताछ का सामना कर रहे राहुल गांधी अधिकांश सवालों पर चुप्पी साध गए। यंग इंडिया लिमिटेड (वाईआइएल) कंपनी बनाने, उसकी फं¨डग, एसोसिएटेड जनरल लिमिटेड (एजेएल) को कांग्रेस पार्टी की ओर से 90 करोड़ रुपये का लोन दिए जाने और एजेएल को वाईआइएल को बेचे जाने की प्रक्रिया से जुड़े सवालों के बारे में राहुल गांधी ने जानकारी होने से इन्कार कर दिया। राहुल गांधी से ईडी ने दो दौर में कई घंटे तक पूछताछ की।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राहुल गांधी 11.10 बजे पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर पहुंचे थे। लगभग 20 मिनट की शुरुआती कानूनी कार्यवाही के बाद उनसे पूछताछ शुरू हुई। ईडी के पास यंग इंडिया को एजेएल को बेचने की पूरी प्रक्रिया से जुड़े सवालों की लंबी सूची थी। ईडी के नियम के मुताबिक राहुल गांधी को खुद अपने हाथों से सभी सवालों का जवाब कागज पर लिखने को कहा गया। एक-एक सवाल का खुद जवाब लिखे जाने की वजह से पूछताछ की प्रक्रिया लंबी चली।
गौरतलब है कि ईडी के सवालों का जवाब लिखने के बाद कागज के ऊपर बाईं ओर और नीचे भी दस्तखत करने होते हैं। इसी कारण ईडी में दिए गए बयान को अदालत में पुख्ता सुबूत माना जाता है।
पूछताछ की शुरुआत में राहुल को अपना व्यक्तिगत परिचय देने के साथ-साथ अपने बैंक खाते और संपत्तियों की विस्तृत जानकारी देने को कहा गया। इसके बाद यंग इंडिया और एजेएल मामले से जुड़े सवाल पूछे गए। इनमें यंग इंडिया में राहुल का पद, इसकी मी¨टग में भाग लेते थे या नहीं, मी¨टग कौन बुलाता था और उसमें कौन-कौन शामिल होते थे और सोनिया गांधी की यंग इंडिया के कामकाज में भागीदारी से जुड़े सवाल थे।
ईडी का सबसे अहम सवाल यह भी था कि क्या आपको लगता है कि एजेएल की माली हालत को जानबूझकर खराब की गई थी। जाहिर है इस सवाल के माध्यम से ईडी उस गहरी साजिश का पता लगाना चाहती थी, जिससे एजेएल के हजारों करोड़ की संपत्ति को गांधी परिवार की एक कंपनी के हवाले कर दिया गया।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एजेंसी कांग्रेस नेता के जवाब से संतुष्ट नहीं हुई। राहुल अधिकांश सवालों का जवाब देने से यह कहते हुए कन्नी काट गए कि इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है या इसके बारे में वे बाद में जानकारी जुटाकर बताएंगे। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को इसके पहले कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल द्वारा दिए गए बयानों को भी दिखाया गया और उस पर सफाई भी मांगी गई। इन दोनों नेताओं से अप्रैल में ईडी ने पूछताछ की थी।