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Agneepth Scheme: सेना भर्ती परीक्षा को लेकर अनुराग ठाकुर ने कहा- सेना नियम 1954 और रक्षा सेवा नियमन 1987 के अनुसार ही की गई भर्ती


नई दिल्ली, अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme)  के तहत सेना की बहाली में जाति प्रमाण-पत्र मांगने को लेकर एक नई सियासत छिड़ गई है। राष्ट्रीय जनता दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट करते हुए सेना भर्ती परीक्षा में जाति प्रमाण-पत्र मांगने पर सवाल उठाया। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी ट्वीट के जरिए इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा है। इस मामले पर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Min Anurag Thakur) ने विपक्षी नेताओं के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा, विपक्षी दलों ने आरोप लगाए हैं कि सेना भर्ती परीक्षा के लिए जाति और धर्म प्रमाण पत्र मांगे जा रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि ‘सेना नियम 1954 और रक्षा सेवा नियमन 1987’ (Army Rules 1954 & Defence Service Regulation 1987) के अनुसार भर्ती की जा रही है। आम आदमी पार्टी (AAP)  जैसी पार्टियां सेना भर्ती परीक्षा पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘इस भर्ती परीक्षा परिक्रिया में कोई बदलाव नहीं किए गए हैं।’

संजय सिंह ने उठाए हैं सवाल

दरअसल, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद ने भी सेना भर्ती परीक्षा पर सवाल खड़े किए। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार पर अग्निपथ योजना में भर्ती होने के इच्छुक उम्मीदवारों से जाति पूछे जाने पर सवाल उठाए। उन्होंने ट्विट में इस मामले पर मोदी सरकार के लिए काफी कड़े शब्दों का उपयोग किया।

आजादी के पहले से चली आ रही पुरानी व्यवस्था वही चल रही है: राजनाथ सिंह

मंगलावर को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस योजना के लिए जाति और धर्म प्रमाण पत्र मांगे जाने के बवाल को आधारहीन बताया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘जो व्यवस्था पहले थी, आजादी के पहले से चली आ रही पुरानी व्यवस्था वही चल रही है। सेना की प्रिक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पुरानी व्यवस्था को जारी रखा गया है।’

बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की घोषणा की थी। इसके तहत अल्प अवधि यानी चार साल के लिए सेना के तीनों अंगों में युवाओं की भर्ती की जाएगी।