उल्लेखनीय है कि अग्निपथ योजना पिछले हफ्ते शुरू की गई थी। तीनों सेनाओं के प्रमुखों की मौजूदगी में अग्निपथ योजना का अनावरण करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जून को कहा था कि यह एक परिवर्तनकारी पहल है जो सशस्त्र बलों को एक युवा प्रोफाइल प्रदान करेगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भी 14 जून को इस योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना के तहत चुने गए जवानों को अग्निवीर कहा जाएगा।
हालांकि दूसरे ही दिन इसके विरोध में प्रदर्शन शुरू हो गए थे। वहीं केंद्र सरकार ने सशस्त्र बलों में इस नई भर्ती योजना को लेकर युवाओं में घर कर रही आशंकाओं को दूर करने के लिए बीते कुछ दिनों में कई समर्थन उपायों की घोषणा की है। योजना के लाभों को गिनाते हुए सरकार भी लगातार कह रही है कि यह सशस्त्र बलों की भर्ती नीति में परिवर्तनकारी सुधार है और युवाओं के लिए देश की सेवा करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान करने का एक अनूठा मौका मुहैया कराती है।
इस बीच सेना ने अग्निपथ योजना के तहत भर्ती के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। इसके लिए उम्मीदवारों को सेना भर्ती की वेबसाइट पर आनलाइन पंजीकरण करना अनिवार्य है। यह पंजीकरण जुलाई से शुरू होगा। सेना का कहना है कि चिकित्सा शाखा के तकनीकी काडर को छोड़कर नियमित काडर में सैनिकों की भर्ती केवल उनके लिए ही उपलब्ध होगी जिन्होंने अग्निवीर के तौर पर सेना में चार साल पूरे कर लिए हैं।