शिवसागर से विधायक गोगोई शिक्षा विभाग से संबंधित एक पूरक प्रश्न पूछना चाहते थे, जिसे अध्यक्ष ने अस्वीकार कर दिया। विधायक ने आरोप लगाया कि उनकी आवाज को दबाया जा रहा है। जिस पर दैमारी ने हंगामा करने वा कार्यवाही में बाधा डालने को लेकर शेष प्रश्नकाल के लिए उन्हें निलंबित करने का आदेश दे दिया।
सदन के अंदर आंदोलन की नहीं दी जा सकती अनुमति
अध्यक्ष दैमारी ने जोर देकर कहा कि सभा के अंदर ‘आंदोलन’ (विरोध) के नियमों की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इसके अपने नियम हैं।
भारी बवाल के बीच विधानसभा को किया गया था स्थगित
वहीं, पिछले दिनों असम विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी द्वारा विपक्षी सदस्यों द्वारा पेश किए गए तीन स्थगन प्रस्तावों को खारिज करने के बाद भारी बवाल के बीच सोमवार को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया था।
कांग्रेस पार्टी और निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई ने सत्र के पहले दिन दो प्रस्ताव लाए, जिसमें स्थानीय माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 3 से अंग्रेजी में गणित और विज्ञान पढ़ाने के राज्य सरकार के फैसले पर चर्चा की मांग की गई।
AIUDF विधानसभा में चर्चा करने को लेकर उठा रही थी सवाल
एआईयूडीएफ अपने प्रस्ताव में राज्यभर में किए गए निष्कासन अभियानों की श्रृंखला और बेदखल परिवारों की स्थिति पर चर्चा करना चाहता था। स्थगन प्रस्ताव एक असाधारण प्रक्रिया है, जिसे यदि स्वीकार कर लिया जाता है, तो सदन के सामान्य कार्य को तत्काल सार्वजनिक महत्व के एक निश्चित मामले पर चर्चा करने के लिए अलग कर दिया जाता है।