बरेली, एक गांव में रहने वाली हिंदू किशोरी 50 वर्षीय शाह आलम के षड्यंत्र में फंस गई। चार महीने में सैकड़ों फोन काल्स कर आरोपित उसे बहकाता, ब्रेनवाश करता रहा। वह प्रभाव में आने लगी तो छह जून को बहाने से बुलाया और अपहरण कर काशीपुर ले गया। वहां बंधक बनाकर दुष्कर्म किया, फिर इरफान और नदीम को सौंप दिया। उन दोनों आरोपितों ने भी किशोरी से हैवानियत की। शनिवार को पीड़ित के बयानों के आधार पर पुलिस ने तीनों आरोपितों के विरुद्ध पूर्व में दर्ज अपहरण की प्राथमिकी में सामूहिक दुष्कर्म, पाक्सो की धाराएं बढ़ा दीं।
छह जून को बात करने के बहाने बुलाकर अपहरण
किशोरी ने पुलिस को बताया कि ग्राम प्रधान का ससुर शाह आलम काफी समय से फोन करता था। परिचित होने के कारण बात करने लगी मगर, उसकी मंशा नहीं समझ सकी। छह जून को उसने जरूरी बात करने के बहाने से बुलाया। जैसे ही गांव के बाहर पहुंची, उसने कार में खींच लिया। अपहरण कर काशीपुर (उत्तराखंड) ले गया। वहां बंधक बनाकर दुष्कर्म किया। दूसरे दिन उसने अपने गांव में रहने वाले इरफान उर्फ बाबू को फोन कर बुलाया, उसने भी दुष्कर्म किया।
बेबसी से कमरे में पड़ी रही बंधक
आरोपितों से बचना चाह रही थी मगर, समझ नहीं आ रहा कि क्या करुं। ऐसा महसूस हो रहा था कि सोचने की शक्ति नहीं बची है। बेबसी में उसी कमरे में पड़ी रही। तीसरे दिन आरोपित नोएडा में नदीम कुरैशी के कमरे में ले गए, उसने भी हैवानियत की। शुक्रवार दोपहर को आरोपितों ने दोबारा काशीपुर लौटने को मजबूर कर दिया।
सामूहिक दुष्कर्म की धाराएं बढ़ीं
मीरगंज थाने के इंस्पेक्टर हरेंद्र सिंह ने बताया कि घटना वाले दिन ही आरोपित के विरुद्ध अपहरण की प्राथमिकी लिखी जा चुकी। सर्विलांस सेल के माध्यम से कई सुराग मिले थे। इसी आधार पर शुक्रवार रात को किशोरी काशीपुर में मिल गई। उसके बयानों के आधार पर तीनों आरोपितों पर सामूहिक दुष्कर्म व पाक्सो की धाराएं लगाई गई हैं। सभी की तलाश की जा रही है। शनिवार को पीड़ित का मेडिकल करा बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया।