कोलकाता, पंचायत चुनाव के मतदान के दौरान हो रही भारी हिंसा पर बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने सीएम ममता पर हमला बोला है। सुकांत ने कहा कि राज्य सरकार व राज्य चुनाव आयोग ने केंद्रीय बलों को पूरी तरह से गुमराह किया है।
केंद्रीय बलों की तैनाती में गड़बड़ी का आरोप
भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि जिन मतदान केंद्रों पर केंद्रीय बलों की तैनाती की जरूरत थी, वहां उन्हें नहीं भेजा गया बल्कि उन बूथों पर लगाया गया, जहां अशांति व गड़बड़ी की आशंका नहीं थी। पंचायत चुनाव के नाम पर मजाक किया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल के एलओपी और बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि यह चुनाव नहीं है, यह मौत का मेला लग रहा है। उन्होंने कहा,
पूरे राज्य में हिंसा की आग लगी हुई है। केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं की गई है। सीसीटीवी काम नहीं कर रहे हैं। यह मतदान नहीं बल्कि मतों की लूट है। यह टीएमसी के गुंडों और पुलिस की मिलीभगत है और इसीलिए इतनी हत्याएं हो रही हैं।
अमित मालवीय ने वीडियो ट्वीट किया
भाजपा नेता अमित मालवीय ने हिंसा का एक वीडियो भी ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि 24 परगना के बैरकपुर में टीएमसी के गुंडों ने खुलेआम बंदूक लहराई और एक उम्मीदवार को धमकी दी।
उन्होंने कहा कि सुबह से अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है और कोई नहीं जानता कि दिन भर में और कितने लोग मरेंगे।
कोर्ट जाएगी भाजपा
मजूमदार ने आगे कहा कि केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने जो निर्देश दिया था, उसका उल्लंघन हुआ है। भाजपा इसके खिलाफ अदालत जाएगी। मजूमदार ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस के सड़क पर उतरकर मतदान की स्थिति का जायजा लेने की कदम की प्रशंसा की। इसके साथ ही उन्होंने राज्य चुनाव आयोग की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वह अपनी भूमिका का सही तरीके से पालन नहीं कर रहा है।
कूचबिहार में भाजपा कार्यकर्ता की हत्या
भाजपा नेता ने कहा कि केंद्रीय बलों की ठीक तरह से तैनाती की गई होती तो इतनी हिंसा नहीं होती। कूचबिहार में भाजपा कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस का कहीं पता नहीं है। वह सत्ताधारी पार्टी का होकर काम कर रही है।
टीएमसी का भाजपा पर हिंसा फैलाने का आरोप
दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता कुणाल घोष ने आरोप लगाते हुए कहा कि बूथों पर तैनात केंद्रीय बलों के जवान मतदाताओं को भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में मतदान करने को कह रहे हैं, हालांकि मतदाता उनकी बातों को महत्व नहीं दे रहे हैं। नंदीग्राम में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं।