वाराणसी : चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में फर्जी डाक्टर या फर्जी इंटर्न बनकर उपचार करने वालों पर शिकंजा कसता जा रहा है। अभी मात्र तीन फर्जी इंटर्न पकड़े गए हैं, लेकिन इनकी संख्या दो दर्जन से अधिक हो सकती है। पकड़े गए तीनों फर्जी इंटर्न उन मेडिकल छात्रों से संपर्क साधते थे,जिन्हें छुट्टी की आवश्यकता होती थी।फोन, वाट्सएप या सीधे मिलकर भरोसा दिलाते कि वे पहले से ड्यूटी करते आ रहे हैं और आपकी जगह भी ड्यूटी कर सकते हैं। उनके झांसे में आकर मेडिकल छात्र अपनी ड्यूटी उन्हें दे देते थे। इसके एवज में फर्जी इंटर्न को 500 से 800 रुपये रोज देते थे।
हालांकि फर्जी इंटर्न का लक्ष्य यह दिहाड़ी नहीं, मरीज होते थे। वह मरीजों और उनके स्वजन को बरगलाकर प्राइवेट अस्पताल, लैब या मेडिकल स्टोर भेजते, ताकि कमीशन पा सकें। फर्जी इंटर्न से पूछताछ में मिली जानकारी के बाद मेडिकल छात्रों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। पुलिस ने इनके खिलाफ जांच शुरू कर दी है। फर्जी इंटर्न से ड्यूटी कराने के आरोप में पकड़े जाने के बाद छात्रों को अपनी भविष्य की चिंता सताने लगी है।
पकड़े गए तीन फर्जी इंटर्न अदलहाट, मीरजापुर का मोहित सिंह, डब्ल्यूआइई कालोनी गेट अनपरा, सोनभद्र का अभिषेक सिंह, विश्वेश्वरगंज, वाराणसी की प्रीति चौहान से पुलिस यदि कड़ाई से पूछताछ करे तो कुछ बड़े नाम भी सामने आ सकते हैं। हालांकि इन्हें बचाने में कुछ अधिकारी व दलाल जुट गए हैं। स्थिति यह है कि तीनों आरोपितों ने मामले की जांच के लिए संस्थान द्वारा गठित समिति के सामने आने से मना कर दिया है।
दो साल से ड्यूटी कर रहा था अभिषेक
फर्जी इंटर्न मामले में ड्यूटी वाले इंटर्न का अटेंडेंस रजिस्टर भी जब्त कर लिया गया है। साथ ही एक आरोपी की इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी करने का फोटो भी सामने आया है। इसके आधार पर चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के डिप्टी चीफ प्राक्टर प्रो. एमए अंसारी के निर्देशन में टीम ने कड़ाई से पूछताछ के बाद सारे राज उगलवाए हैं। इसी आधार पर लंका थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। एक वीडियो में आरोपित अभिषेक बताया रहा है कि वह पहली बार ओपीडी में ड्यूटी करने आया था। इससे पहले वह सिर्फ इमरजेंसी वार्ड में ही ड्यूटी करता था। इस साल सौमिक डे तो पिछले साल डा. शुभग के नाम पर ड्यूटी किया था।
तीन इंटर्न के बयान लिए गए
संस्थान ने सर्जरी विभाग के प्रो. संजीव कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच समिति गठित की है। इसमें जनरल मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष प्रो. धीरज किशोर, जनरल सर्जरी विभाग की अध्यक्ष प्रो. सीमा खन्ना, एनाटमी विभाग की अध्यक्ष प्रो. रोयना सिंह व आर्थो विभाग के प्रो. अजीत सिंह शामिल हैं। समिति तीन इंटर्न नितिन, सौमिक डे व कृति अरोड़ा से पूछताछ कर चुकी है। तीनों ने अपना बयान दर्ज करा दिया है। चौथे इंटर्न डा. शुभम का बयान मंगलवार को दर्ज होगा। डा. शुभम यहीं रेडियोलाजी विभाग में जूनियर रेजिडेंट प्रथम वर्ष के छात्र हैं। हालांकि मामला एक वर्ष पुराना है। डा. शुभम का बयान दर्ज होने के बाद फाइनल रिपोर्ट संस्थान को सौंपी जाएगी।
तीनों फर्जी इंटर्न ने गड़बड़ी की बात स्वीकारी
फर्जी डाक्टर या इंटर्न बनकर बीएचयू अस्पताल में मरीज देखने वाले तीनों आरोपितों मोहित सिंह, अभिषेक सिंह और प्रीति चौहान के खिलाफ पुलिस एफआइआर दर्ज कर चुकी है। सभी ने गड़बड़ी की बात स्वीकार कर ली है। हालांकि उन्हें भरोसा है कि उन्हें बचा लिया जाएगा। यही कारण है कि वे संस्थान द्वारा गठित समिति के सामने पेश होने से मना कर दिया। मेडिकल छात्रों ने स्वीकारी गलती अपनी ड्यूटी दूसरों से कराने वाले बीएचयू के चारों मेडिकल छात्रों ने समिति को लिखित माफीनामा सौंपकर गलती स्वीकारी है। हालांकि यह भी कहा कि उनके नाम पर ड्यूटी करने वाले पहले से ऐसा करते आ आ रहे हैं। ऐसे में अब अस्पताल के सीनियर डाक्टरों पर भी शक गहराने लगा है। कारण कि कई डाक्टरों के चैंबर, ओपीडी में बाहरी लोग किसी न किसी रूप में ड्यूटी करते नजर आते हैं।
सीसीटीवी का हार्ड डिस्क सील
फर्जी इंटर्न का मामला सामने आने के बाद अस्पताल के सीसीटीवी कैमरों की हार्ड डिस्क सील कर दी गई है। आइएमएस के निदेशक प्रो. एसके सिंह ने बताया कि सभी विभागों से इंटर्न की अटेंडेंस, रिकार्ड के साथ ही अन्य दस्तावेज तलब किए गए हैं। मंगलवार को इस संबंध में बैठक होगी।