लौरिया। नेपाल में भीषण वर्षा के बाद पहाड़ी नदियां ऊफना गई हैं। नदियों के उफान की वजह से लोग भयभीत हैं। कई पहाड़ी नदियों के मिलने के बाद लौरिया पहुंची सिकरहना नदी उफान पर है।
नदी का पानी लौरिया-नरकटियागंज मार्ग के छलका के समीप से उछलकर ऐतिहासिक अशोक स्तंभ परिसर में समा गया है। स्तंभ परिसर पूरी तरह से जलमग्न हो गया है।
अशोक स्तंभ सहित स्टेडियम भी बाढ के पानी से चारों तरफ से घिर चुका है। हालांकि, बाढ़ का पानी साेमवार की सुबह में आया। अचानक लोग घरों से निकले तो नदी का जलस्तर बढ़ रहा था।
दिन चढ़ने के साथ हीं पानी बढ़ता गया और छलका को पार कर स्तंभ परिसर और स्टेडियम में चला गया है। हालांकि, दोपहर बाद नदी का जलस्तर कम होने लगा है।
मामले में सीओ नितेश कुमार सेठ ने बताया कि सभी राजस्व कर्मचारी और जन प्रतिनिधियों को बाढ़ को लेकर अपने – अपने क्षेत्र में अलर्ट रहने को कहा गया है।
पूर्वी चंपारण जिले में मंडरा रहा बाढ़ का खतरा
पिछले एक सप्ताह से नेपाल में लगातार हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है। पूर्वी चंपारण जिला आपातकालीन संचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, नेपाल के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार बारिश होने से वाल्मीकिनगर बराज के पास का जलस्तर उच्चतम यानी बाढ़ स्तर के करीब पहुंच गया है।
जानकारी के अनुसार, वाल्मीकिनगर बराज (गंडक) का उच्चतम बाढ़ स्तर 112.40 है। अब इसका जलस्तर 109.667 मीटर पहुंच गया है।
इस बीच बैराज से शनिवार की रात 10 बजे 3.32 लाख क्यूसेक व रात 12 बजे 3.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
जलस्तर बढ़ने के कारण रविवार की सुबह दो बजे 4.12 लाख, चार बजे 4.24 लाख व सुबह के छह बजे 4.365 लाख सहित कुल 19 लाख 54 हजार 500 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। इससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है।
शिवहर में बागमती में उफान से गहराया बाढ़ का संकट
नेपाल में हो रही भारी बारिश के कारण बागमती नदी के जलस्तर में भी जबरदस्त उछाल आया। इसके साथ ही नदी के आसपास के इलाकों में बाढ़ का संकट गहरा गया है।
रविवार को बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। नदी का जलस्तर 61.80 मीटर तक पहुंच गया। जो खतरे के निशान 61.22 मीटर से 52 सेंटीमीटर अधिक है। इस सीजन में यह बागमती नदी का जलस्तर का सर्वाधिक परिमाप है।