सहरसा, गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे आनंद मोहन सिंह एक बार फिर पैरोल पर जेल से बाहर आ रहे हैं। सोमवार को पूर्व सांसद आनंद मोहन 15 दिनों के लिए मंडल कारा सहरसा से बाहर आएंगे। शिवहर के पूर्व सांसद आनंद मोहन लंबे समय से सलाखों के पीछे हैं।
इस साल लगातार दूसरी बार आनंद मोहन को 15 दिनों की पैरोल मिली है। इससे पहले फरवरी में आनंद मोहन की बेटी सुरभि आनंद की शादी के लिए उन्हें 15 दिनों के लिए पैरोल पर बाहर आने की अनुमति मिली थी। आनंद मोहन की बेटी की शादी में तमाम दिग्गज नेताओं ने शिरकत की थी।
पिछले साल नवंबर में बेटी सुरभि आनंद की सगाई के लिए भी आनंद मोहन को 15 दिनों की पैरोल मिली थी। इसमें भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, पप्पू यादव समेत अन्य बड़े चेहरे बाहुबली की बेटी को आशीर्वाद देने पहुंचे थे।
बता दें कि पूर्व सांसद आनंद मोहन को 5 दिसंबर 1994 में डीएम कृष्णैया हत्याकांड में फांसी की सजा हुई थी। लंबे समय तक मुकदमा चला और आखिरकार उनकी फांसी की सजा आजीवन कारावास में बदल गयी। तब से वे जेल में ही हैं।
भीड़ ने डीएम की पीट-पीटकर हत्या की
मुजफ्फरपुर जिले में 4 दिसंबर 1994 को आनंद मोहन की पार्टी (बिहार पीपुल्स पार्टी) के नेता रहे छोटन शुक्ला की हत्या हुई थी। इससे अगले दिन 5 दिसंबर को आक्रोशित लोग छोटन शुक्ला के शव के साथ सड़क पर प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान मुजफ्फरपुर के रास्ते पटना से गोपालगंज जा रहे डीएम जी कृष्णैया पर भीड़ ने मुजफ्फरपुर के खबड़ा गांव में हमला कर दिया था।
आरोप था कि भीड़ का फायदा उठाकर किसी ने ने डीएम की कनपटी में एक गोली भी मार दी थी। मॉब लिंचिंग में डीएम कृष्णैया की हत्या ने प्रशासनिक और सियासी हलके में उस वक्त तूफान ला दिया था। तब कृष्णैया सिर्फ 35 साल के थे। इसी मामले में पूर्व सांसद आनंद मोहन सजा सहरसा के मंडल कारा में सजा काट रहे हैं।