- बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद से चिराग पासवान खुद पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं. अब एलजेपी और बिहार की राजनीति में बड़ा भूचाल आ गया है.
पटना: बिहार की लोक जनशक्ति पार्टी के बागी सांसदों ने चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस को अपना नेता चुना है. लोकसभा सचिवालय के सूत्रों से जानकारी मिली है कि उन्हें पशुपति पारस के नेता चुने जाने का पत्र मिला है. सभी कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखकर और कानूनी जांच के बाद ही निर्णय लिया जाएगा.
फिलहाल चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. ऐसे में उनके और बागी पार्टी सांसदों के बीच के कानूनी पहलू की जांच करना आवश्यक है. सभी कानूनी पहलूओं की जांच के बाद ही लोकसभा सचिवालय किसी निर्णय पर पहुंचेगा.
बिहार की राजनीति से जुड़ी इस बड़ी खबर में साफ हो गया है कि एलजेपी में बड़ी बगावत हो गयी है. सूत्रों के मुताबिक, एलजेपी के छह में से पांच लोकसभा सांसदों ने हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद पशुपाति नाथ को संसदीय दल का नेता चुना है. चिराग पासवान को हटाकर नेता चुना जाना बिहार राजनीति के लिहाज से बड़ी घटना है.
लोकसभा अध्यक्ष ने नया नेता चुने जाने का अनुरोध
इस बारे में संसदीय दल के नए नेता चुने जाने का पत्र लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप भी दिया गया है. अब लोकसभा अध्यक्ष अगर इस पत्र के आधार पर लोकसभा में लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय दल के नेता के तौर पर पशुपपति नाथ को मान्यता दे देते है तो चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय दल के नेता की मान्यता समाप्त हो जाएगी.
सूत्रों के मुताबिक, चुनाव पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले लोक जनशक्ति पार्टी के सांसदों के नाम हैं- नवादा से चंदन कुमार, समस्तिपुर से प्रिंस पासवान, खगड़िया से महबूब अली केसर, वैशाली से वीणा देवी. ये सभी चिराग पासवान के कामकाज से खुश नहीं थे और पार्टी के अपने तरीके से चलाने से नाराज थे.
बीजेपी जेडीयू के बड़े नेताओं को है जानकारी
आज पशुपति नाथ के घर पर दोपहर में बैठक हो सकती है. उसके बाद पार्टी के नए फैसले को सार्वजनिक कर दिया जाएगा. जानकारी के मुताबिक, इस बड़े ऑपरेशन की जानकारी बीजेपी और जेडीयू के बड़े नेताओं को भी है.
बता दें बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद से चिराग पासवान खुद पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं. हालांकि विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन से अलग चुनाव लड़ने का फैसला लेने के बाद एनजेपी की बुरी हार हुई. उसके बाद हाशिये पर चल रही एलजेपी की राजनीति और बिहार की राजनीति में ये बड़ा भूचाल ला सकती है.