पटना। बिहार विधानसभा मंगलवार को विपक्षी दल भाजपा के सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
भाजपा के नेता सीबीआई के आरोप पत्र में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नाम होने को लेकर उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे। इसे लेकर भाजपा नेता वेल में आ गए।
बता दें कि विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई थी। इस दौरान भाजपा सदस्य अपनी सीटों पर खड़े हो गए और राजद नेता के इस्तीफे की मांग करने लगे। तेजस्वी का नाम नौकरी के बदले जमीन घोटाले को दाखिल किए गए आरोप पत्र में है। मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने हंगामे के बीच कार्यवाही चलाने की कोशिश की, लेकिन 10 मिनट से भी कम समय में उन्होंने हार मान ली, क्योंकि शांति बनाए रखने की उनकी कोशिशों का कोई असर नहीं हुआ।
ऐसे में अध्यक्ष चौधरी ने दोपहर दो बजे सदन की बैठक फिर से शुरू होने की घोषणा करने से पहले कहा कि आपका व्यवहार इस प्रतिष्ठित सदन के इतिहास पर एक धब्बा है।
आप प्रश्नकाल में बाधा डाल रहे हैं, जबकि आप जो कई मुद्दे उठाना चाहते थे, वे दिन में दोपहर के भोजन के समय के बाद के लिए सूचीबद्ध हैं।
बता दें कि भाजपा नेता उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। जांच एजेंसी के अधिकारियों ने पहले कहा था कि यह मामला लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए यादव परिवार और उनके सहयोगियों को नौकरी के बदले जमीन दिए जाने से जुड़ा है।
आरोप है कि लालू, उनके परिवार और सहयोगियों को नौकरी लगवाने के बदले में कथित तौर पर उपहार स्वरूप सस्ती दरों पर जमीन बेची गई।
इस मामले में पिछले सप्ताह दायर आरोप पत्र में तेजस्वी यादव का नाम जोड़ा गया है। इसमें लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी का भी नाम है।
ईडी ने पहले दिल्ली में तेजस्वी यादव के आवास की तलाशी ली थी और सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी दोनों से पूछताछ भी की थी।
बता दें कि लालू यादव जब रेल मंत्री थे, तब तेजस्वी यादव नाबालिग थे। उधर, राजद आरोप लगाता रहा है कि भाजपा के निर्देश पर सीबीआई राजनीतिक प्रतिशोध ले रही है।