पटना। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बिहार में चार जनसभाएं की और उनमें चार संदेश दिए। इस बार बहुत अधिक आलोचना-अवहेलना से परे राहुल ने साफगोई से अपनी बातें की। वादे गिनाए तो उसे पूरा करने का आधार भी बताया। यह भी कि ये चुनावी वादे नहीं, बल्कि जन-अपेक्षाएं हैं।
भारत जोड़ो यात्रा व न्याय यात्रा के दौरान जन-संवाद में जो अपेक्षाएं जताई गईं, उन्हें ही पांच न्याय व पांच गारंटियों के रूप में संकलित किया गया है। वहीं, सभा के बाद उन्होंने बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से राजद प्रत्याशी मीसा भारती के साथ लंच किया। इस दौरान, उन्होंने मटन का स्वाद चखा।
मटन का स्वाद लेने के बाद राहुल ने क्या कहा?
इसके बाद, मटन का स्वाद चखने के बाद तेजस्वी (Tejashwi Yadav) ने जब कहा कि राहुल जी दो बार मटन खा चुके हैं तो इसका जवाब देते हुए राहुल ने कहा कि अब हमें खिलाना पड़ेगा। अब मेरी बारी है, मैं और मेरी बहन इन्हें निमंत्रण देंगे।
बता दें कि लंच के दौरान तेजस्वी, मीसा और राहुल ने देश के मौजूदा हालातों पर चर्चा की। इस दौरान, तीनों ने तमाम मुद्दों पर भाजपा को घेरा।
27 मई को बिहार में तीन जनसभाएं हुईं
गौरतलब है कि 20 अप्रैल को भागलपुर की पहली जनसभा के बाद राहुल की तीन जनसभाएं 27 मई को हुईं। ये चारों जनसभाएं उन संसदीय क्षेत्रों में हुईं, जो कांग्रेस व सहयोगी दलों के लिए अर्से से अभेद्य रहे हैं।
ऐसे क्षेत्रों में भी चुनावी सभाएं कर राहुल ने संघर्ष के लिए साहस का परिचय दिया। जीत-हार का निर्णय जनता का, लेकिन राहुल ने उन क्षेत्रों में सुसुप्त पड़े समर्थकों को भविष्य की राजनीतिक संभावना के प्रति चैतन्य कर दिया।