नई दिल्ली, : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट-पूर्व तैयारियों के सिलसिले में नीति आयोग में अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक कर रहे हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद हैं। प्रधानमंत्री इस बैठक में केंद्रीय बजट से पहले अर्थशास्त्रियों की राय और सुझाव लेने के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति और इसकी चुनौतियों का आकलन करेंगे। मीटिंग में पीएम मोदी अर्थव्यवस्था की स्थिति और विकास को गति देने के उपायों पर भी चर्चा करेंगे।
पीएम इस मीटिंग के जरिए अर्थव्यवस्था की हालात का जायजा लेंगे। आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2023 को संसद में 2023-24 का बजट पेश करेंगी। कमजोर मांग से प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था के मार्च 2023 को समाप्त चालू वित्त वर्ष में 7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है ,अगर ऐसा हुआ तो भारत अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश बने रहने का अपना ‘टैग’ खो सकता है।
बरकरार है ग्रोथ रेट की चिंता
सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी पहले आधिकारिक अनुमान में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। 2021-22 में 8.7 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि के मुकाबले यह काफी कम है। ये अनुमान सरकार के पहले के 8-8.5 प्रतिशत विकास दर के अनुमान से भी बहुत कम है लेकिन रिज़र्व बैंक के 6.8 प्रतिशत के अनुमान से अधिक हैं। यदि पूर्वानुमान सच होता है, तो भारत की जीडीपी वृद्धि सऊदी अरब के अनुमानित 7.6 प्रतिशत के बाद दूसरे स्थान पर आ जाएगी। जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.3 फीसदी रही, जो सऊदी अरब की 8.7 फीसदी ग्रोथ रेट से कम थी।
इन बातों पर रहेगा फोकस
इस बार केंद्रीय बजट में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों पर केंद्रित एक औद्योगिक क्षेत्र विकास योजना का प्रस्ताव किए जाने की संभावना है। इसमें न केवल सामान्य बुनियादी ढांचे के साथ मौजूदा औद्योगिक क्षेत्रों का विस्तार होगा, बल्कि नए औद्योगिक क्षेत्रों को भी मजबूती मिलेगी। बता दें कि दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं का ध्यान एमएसएमई पर है। इन व्यवसायों के सामने उच्च मुद्रास्फीति और इनपुट लागत के साथ-साथ निर्यात में मंदी का संकट है।