- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और केंद्रीय सतकर्ता आयोग (CVC) का नए भारत की नई सोच के आड़े आने वाली पुरानी प्रक्रियाओं को बदलने की अपील करते हुए आज कहा कि दोनो शीर्ष एजेंसियां कानून को इस प्रकार से लागू करें जिससे शासनतंत्र में गरीब एवं ईमानदार लोग मजबूत हों और भ्रष्टाचारी-अपराधी बाहर जाए। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि एजेंसियों को अपराधियों से दो कदम आगे ही रहना है। देशवासियों को धोखा देने वालों के लिए छिपने की सुरक्षित जगह कहीं नहीं हो सकती है। कोई कितना ही ताकतवर क्यों ना हो।
देशहित के खिलाफ काम करने वालों पर कार्रवाई से पीछे नहीं हटा जा सकता है। पर यह भी ध्यान रखना है कि हमारा काम किसी को डराना नहीं है। बल्कि गरीब आम आदमी के मन से डर दूर होना चाहिए। पीएम मोदी ने गुजरात के केवड़ियां में केन्द्रीय सतकर्ता विभाग (CVC) और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के एक संयुक्त सम्मेलन को ऑनलाइन संबोधित करते हुए अधिकारियों से कहा कि वे अब प्रिवेंटिव विजिलेंस यानी अपराध की संभावना की निगरानी एवं सतकर्ता रखने का काम करें। इससे संसाधनों की बचत होगी और अपराधों पर असरदार ढंग से लगाम लगेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम भारत की आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आने वाले 25 साल, यानि इस अमृतकाल में आत्मनिर्भर भारत के विराट संकल्पों की सिद्धि की तरफ देश बढ़ रहा है। आज हम सुशासन, जनोन्मुखी, सक्रिय शासन को सशक्त करने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार चाहे छोटा हो या बड़ा, वो किसी ना किसी का हक छीनता है। ये देश के सामान्य नागरिक को उसके अधिकारों से वंचित करता है, राष्ट्र की प्रगति में बाधक होता है और एक राष्ट्र के रूप में हमारी सामूहिक शक्ति को भी प्रभावित करता है।
पीएम मोदी के संबोधन के प्रमुख अंश
- बीते छह सात सालों के निरंतर प्रयासों से हम देश में एक विश्वास कायम करने में सफल हुए हैं, कि बढ़ते हुए भ्रष्टाचार को रोकना संभव है।
- आज देश को ये विश्वास हुआ है कि बिना कुछ लेन-देन के, बिना बिचौलियों के भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है और आज देश को ये भी विश्वास हुआ है कि देश को धोखा देने वाले, गरीब को लूटने वाले, कितने भी ताकतवर क्यों ना हो, देश और दुनिया में कहीं भी हों, अब उन पर रहम नहीं किया जाता, सरकार उनको छोड़ती नहीं है।
- हमने देशवासियों के जीवन से सरकार के दखल को कम करने को एक मिशन के रूप में लिया। हमने सरकारी प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए।
- अधिकतम सरकारी नियंत्रण की बजाए न्यूनतम सरकार एवं अधिकतम शासन पर फोकस किया।
- आज सरकार देश के नागरिकों पर भरोसा करती है, उन्हें शंका की नजर से नहीं देखती। इस भरोसे ने भी भ्रष्टाचार के अनेकों रास्तों को बंद किया है। इसलिए दस्तावेज़ों की सत्यापन की अनिवार्यता को हटाकर, भ्रष्टाचार और अनावश्यक परेशानी से बचाने का रास्ता बनाया है।