शंघाई/ सिंगापुर: कोरोना को काबू में करने के लिए तीन साल तक चीन ने प्रभावी रूप से खुद को दुनिया के बाकी हिस्सों से अलग कर लिया था। मगर, अब वह सीमा नियंत्रण में ढील देने जा रहा है। ऐसे में चीन में तेजी से फैल रहे COVID-19 के प्रकोप को रोकने के लिए दुनिया के कई देश चीन से आने वाले यात्रियों पर अंकुश लगाने के लिए तैयार हैं।
चीन उठाने जा रहा है बड़ा कदम
चीन रविवार 8 जनवरी से देश के अंदर घूमने वाले यात्रियों को क्वारंटाइन करने की जरूरत को खत्म करने जा रहा है। उसने अपनी ‘जीरो कोविड’ पॉलिसी को हाल ही में खत्म कर दिया है। हाल के महीनों में लॉकडाउन के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध हुए थे जिसके बाद ‘जीरो कोविड’ पॉलिसी को खत्म करने जैसे कदम उठाए गए थे।
कई लोग पहली बार हुए संक्रमित
अचानक हुए बदलावों की वजह से चीन की 1.4 अरब आबादी में से कई लोग पहली बार कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इससे संक्रमण की एक लहर शुरू हो गई है, जिससे अस्पतालों में भारी भीड़ है। दवाओं की किल्लत है और फार्मेसी खाली हो रही हैं।
कोविड टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य
ग्रीस, जर्मनी और स्वीडन ने भी गुरुवार को चीनी यात्रियों से COVID जांच की मांग करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही ये भी उन एक दर्जन से अधिक देशों में शामिल हो गए, जहां चीन से आने वाले यात्रियों के लिए कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पहले से लाना अनिवार्य कर दिया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि चीन का आधिकारिक डाटा इसके प्रकोप की वास्तविकता से काफी कम करके पेश किया जा रहा है।
चीन के आंकड़ों पर संदेह
चीन ने गुरुवार को COVID से पांच नई मौतों की सूचना दी। चीन ने बताया कि इसके साथ ही वायरस की वजह से होने वाली आधिकारिक मौतों की संख्या 5,264 हो गई है। यह दुनिया में सबसे कम है। मगर, यह उस स्थिति के विपरीत है, जहां अंतिम संस्कार की जगहें लाशों से भरी पड़ी हैं और अस्पताल बुजुर्ग रोगियों से भरे हुए हैं।अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि COVID मौतों के लिए बीजिंग की सीमित परिभाषा सही आंकड़ों को नहीं दर्शाती है। माना जा रहा है कि इस साल कोरोना से 10 लाख से अधिक मौतें हो सकती हैं।