भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि शराब, कमीशन और घोटाला को लेकर भाजपा और दिल्ली की जनता ने आंदोलन किया है। शराब नीति में घोटाला को लेकर भाजपा ने कई सवाल अरविंद केजरीवाल व मनीष सिसोदिया से कई सवाल पूछे गए हैं।
उन्होंने केजरीवाल सरकार से पूछा कि पुरानी शराब नीति में क्या कमी थी जिस कारण नई शराब नीति लाई गई। उसके बाद नई शराब नीति में क्या कमी थी जिसे आनन फानन में वापस लेना पड़ा। शराब नीति को लेकर तत्कालीन आबकारी आयुक्त रवि धवन की अध्यक्षता में बनी कमेटी की सिफारिश को क्यों नहीं माना गया।
काली सूची वाली कंपनियों को क्यों लाइसेंस दिए गए। नियम का उल्लंघन कर शराब निर्माताओं को शराब बेचने की अनुमति दी गई। ठेकेदारों का कमीनशन दो प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत क्यों किया गया। 144 करोड़ रुपये ठेकेदारों को क्यों माफ किया गया।
केजरीवाल जब मुख्यमंत्री बने थे तब उन्होंने भ्रष्टाचार करने वालों का स्टिंग करने को कहा था। अब स्टिंग मास्टर का स्टिंग हो गया है। इससे अपने आप को कट्टर ईमानदार कहने वाले कट्टर भ्रष्टाचारी निकले हैं। केजरीवाल व सिसोदिया को कमीशन मिलता था। स्टिंग का वीडियो क्लीप दिखाया गया।
स्टिंग में दावा किया गया कि सीबीआइ द्वारा की गई एफआइआर में आरोपित सन्नी मारवाह के चाचा कुलविंदर मारवाह दिल्ली सरकार को कमीशन देने की बात स्वीकार कर रहा है। वह कह रहा है कि उसने साल का 253 करोड़ दिया। अन्य लोगों ने पांच-पांच सौ करोड़ दिए हैं।
20 पैसे का सामान एक रुपये में बेचा जा रहा है। पहले 20 पैसे का माल एक रुपये में बेचा जाता था और सरकार 70 पैसे लेती थी। ठेकेदार को दस पैसे मिलता था। अब फिक्स रकम लेकर ठेकेदारों को अपने से माल बेचने का छूट दे रही है।ठेकेदारों के 12 प्रतिशत कमीशन में से छह प्रतिशत दूसरे खाते में छह प्रतिशत देने की बात स्वीकार कर रहा है।
पात्रा ने कहा कि 80 प्रतिशत लाभ ठेकेदारों को मिला, सरकार को राजस्व मात्र सिर्फ दस प्रतिशत। फिक्स अमाउंट देकर ठेकेदारों को 20 पैसे का माल मनमर्जी से बेचने की छूट। मारवाह स्वीकार कर रहा है कि उसने कच्ची कालोनी में शराब का ठेका लिया इसलिए मात्र ढाई सौ करोड़ देने पड़े। बड़े ठेकेदारों से पांच-पांच सौ करोड़ लिए गए।
कमीशन दो प्रतिशत से बढाकर 12 प्रतिशत बढ़ाया गया, एक पर एक या दो भी मुफ्त देने पर भी शराब ठेकेदारों को लाभ हो रहा था। इससे स्पष्ट है कि किस तरह से दिल्ली के राजस्व को नुकसान पहुंचाया जा रहा था।
पहले 60-60 करोड़ और कुछ लोगों से डेढ़-डेढ़ सौ करोड़ रुपये अन्य खाते में जा रहे थे। यह सिसोदिया के खाते में जा रहे थे। काली सूची वाली कंपनियों को बुला-बुलाकर ठेके दिए गए। शिकायत के बावजूद ठेके दिए गए। दो प्रतिशत से 12 प्रतिशत क्यों बढ़ाया गया यह भी मारवाह ने बताया कि छह प्रतिशत कमीशन सिसोदिया को देना था। यह दिक्कत थी कि ब्लैक मनी कैसे दी जाए। व्हाइट मनी को कंवर्ट करके ब्लैक मनी सिसोदिया को पहुंचाया गया। आने वाले दिनों कई और वीडियो सामने आने वाला है।
भाजपा की तरफ से सिसोदिया व केजरीवाल को पैसा पहुंचाने वालों से अपील है कि वह बिना डरे कमीशन देने का अपना वीडियो बनाकर शेयर कीजिए और सीबीआइ के पास जाएं। यह देशहित में होगा। देश के पैसे बचाने, दिल्ली के राजस्व को बचाने के लिए सभी को कानून का साथ देना चाहिए।