28 जुलाई 1998 को बरहज के पैना में सुबह साढ़े छह बजे गोली तड़तड़ा उठी और चार लोगों की जान चली गई थी। जिसमें राधेश्याम तिवारी, ब्रह्मा तिवारी, ब्रजेश तिवारी व धर्मेंद्र तिवारी शामिल थे। पहली बार इतनी बड़ी घटना जिले में हुई थी सदर कोतवाली के सरौरा में 2017 में भूमि विवाद में तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह दोनों घटनाएं लोगों के जेहन में हमेशा रही हैं। लेकिन रुद्रपुर के फतेहपुर की यह घटना जिले की सबसे बड़ी घटना हुई है। जिसमें छह लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया है।
देवरिया के साथ ही गोरखपुर जनपद की भी पुलिस को बुलाया गया
छह लोगों की घटना के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई। पुलिस लाइन से दो कंपनी पीएसी भेजने के साथ ही क्यूआरटी व अन्य पुलिसकर्मी भी भेज दिए गए। रुद्रपुर, बरहज सीओ सर्किल के सभी थानों की पुलिस के अलावा गोरखपुर जनपद के चौरीचौरा व झंगहा थाने की भी पुलिस बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गई। तीन किलोमीटर का क्षेत्र पुलिस छावनी में दिन भर तब्दील रहा। चारो तरफ केवल पुलिसकर्मी व उनकी गाड़ियां ही नजर आ रही थीं।