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Dharamshala: इंश्योरेंस पालिसी को डाला किसी और के खाते में, अब नौ प्रतिशत ब्याज के साथ 5.6 लाख दे बीमा कंपनी


धर्मशाला: मेच्योर हुई इंश्योरेंस पालिसी को अनजान व्यक्ति के खाते में डालने पर बीमा कंपनी को नौ प्रतिशत ब्याज समेत 5 लाख, 6 हजार, 639 रुपये देने होंगे। राशि बीमा कंपनी को 30 दिन के भीतर देनी होगी। यह फैसला जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा, सदस्य नारायण ठाकुर व आरती सूद की खंडपीठ ने सुनाया है।

नहीं थी पिता की पालिसी के बारे में जानकारी

आयोग में शिकायत नीरज शर्मा निवासी डरोह, उनकी माता व बहन ने दर्ज करवाई थी। नीरज के अनुसार उनके पिता ने 18 व 21 जून, 2013 को बजाज एलियांज लाइफ इंश्योरेंश कंपनी से दो पालिसी ली थी। किस्तें भी समय पर भरी थीं। वर्ष 2014 में पिता को गंभीर बीमारी हो गई व 4 फरवरी, 2019 को उनका देहांत हो गया। नीरज के अनुसार उन्हें पिता की पालिसी के बारे में जानकारी नहीं थी। जब वे इन्कम टैक्स रिटर्न भरने लगे तो पालिसी की जानकारी मिली।

कंपनी ने नहीं उठाया कोई कदम

इसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ स्थित इंश्योरेंश कंपनी की शाखा में जानकारी ली तो पता चला कि पालिसी मेच्योर हो चुकी है और किसी तिल बहादुर गुरुंग नाम के व्यक्ति के खाते में पैसे डाल दिए हैं। उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्होंने कंपनी को पालिसी से संबंधित दस्तावेज व नोमिनी के नाम संबंधी दस्तावेज भेजे लेकिन कोई कदम नहीं उठाया। इसके बाद शिकायतकर्ता ने पुलिस थाना में शिकायत दर्ज करवाई तो कंपनी ने माता के खाते में एक पालिसी के 1 लाख, 27 हजार, 409 रुपये जमा कर दिए जबकि दूसरी के पैसे दोबारा उक्त अनजान व्यक्ति के खाते में भेजे।

कंपनी की लापरवाही से शिकायतकर्ता को हुई परेशानी

इसके बाद उपभोक्ता आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज करवाई। आयोग ने सभी तथ्यों को जांचने के बाद पाया कि कंपनी की लापरवाही से शिकायतकर्ता को परेशानी हुई है। उन्होंने कंपनी को आदेश दिए हैं कि 30 दिन के भीतर नौ प्रतिशत ब्याज के साथ 5 लाख, 6 हजार, 639 रुपये शिकायतकर्ताओं को दिए जाएं। इस राशि का भुगतान 30 दिन में करना होगा।