याचिकार्ताओं की तरफ से संविधान पीठ को मामले की सुनवाई के लिए मुख्य बिंदुओं के बारे में बताया गया। अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल के तीन सवालों पर मुहर लगा दी है।
ये सवाल हैं-
1- क्या संविधान के 103वें संशोधन को संविधान के मूल ढांचे को तोड़ने के लिए कहा जा सकता है, राज्य को आर्थिक मानदंडों के आधार पर आरक्षण सहित विशेष प्रावधान करने की अनुमति दी गई है।
2- क्या संविधान के 103वें संशोधन में ईडब्ल्यूएस आरक्षण के जरिये OBC/SC /ST आरक्षण के दायरे से छोड़कर संविधान की मूल संरचना से छेड़छाड़ है?
3- क्या यह संशोधन सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत के आदेश का उल्लंघन कर सकता है? क्या राज्यों को ईडब्ल्यूएस श्रेणी का वर्गीकरण करने के लिए अनियंत्रित शक्ति दी गई है?
अदालत अब इस मामले पर सुनवाई करने वाली है। सुप्रीम कोर्ट अगर ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के तहत मिलने वाले आरक्षण को सही ठहराता है, तो सरकारी नौकरियों से लेकर एडमिशन तक में रिजर्वेशन का लाभ उठाने वाले लोगों के लिए ये बड़ी राहत होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने बताया कब होगी सुनवाई?
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा था कि ईडब्ल्यूएस के लोगों को दाखिले तथा नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के केंद्र सरकार के फैसले की संवैधानिक वैधता के संबंध में दाखिल याचिकाओं पर 13 सितंबर को सुनवाई करेगी। चीफ जस्टिस यू यू ललित की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने यह बात तब कही, जब पीठ को बताया गया कि पक्षकारों के वकीलों को दलील रखने में करीब 18 घंटे का वक्त लगेगा। पीठ ने सभी वकीलों को आश्वस्त किया कि उन्हें दलील रखने के लिए पर्याप्त अवसर दिए जाएंगे। साथ ही पीठ ने कहा था कि वह 40 याचिकाओं पर निर्बाध सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने के लिए गुरुवार को फिर बैठेगी।