वाराणसी, । ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी की दैनिक पूजा-अर्चना की अनुमति और अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों को संरक्षित करने को लेकर दायर वाद की सुनवाई सोमवार को जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत में दोपहर दो बजे शुरू हो गई। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पहले यह तय होगा कि मामला आगे सुनवाई योग्य है या नहीं। साथ ही मंदिर पक्ष, जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) के प्रार्थना पत्र और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की आपत्ति पर सुनवाई की गई। मुकदमे की सुनवाई के दौरान पूरे कचहरी परिसर में सुरक्षा की कड़ी व्यस्था रही।
वहीं अदालत कक्ष में वादी-प्रतिवादी के पक्षकारों और उनके वकीलों को छोड़ किसी अन्य के जाने पर दोपहर दो बजे रोक लगा दी गई। हरिशंकर पांडेय एडवोकेट ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव,सांसद असुद्दीन ओवेशी,अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के सचिव समेत आठ के खिलाफ अदालत में दी अर्जी। हरिशंकर पांडेय ने समाज में धार्मिक विद्वेष फैलाने, मानसिक व धार्मिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए सभी के खिलाफ कार्रवाई की अदालत से अपील की है। वहीं वादी – प्रतिवादी पक्ष की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्रों में पहले किस प्रार्थना पत्र की सुनवाई की जाएगी इसका निर्धारण जिला जज द्वारा किया जाना है। अब ज्ञानवापी प्रकरण में सुनवाई जारी रहने के बीच मंगलवार तक के लिए सुनवाई टाल दी गई है। मंगलवार को अब तय होगा कि पहले किस प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करनी है।