नई दिल्ली। देश में कई खाने या फिर दवाई के प्रोडक्ट पर हलाल सर्टिफिकेट शो होता है। कई लोगों को लगता है कि इसका संबंध मांसाहारी उत्पादों से होता है, जबकि ऐसा नहीं है। बता दें कि भारत में कई प्रोडक्ट को बेचने के लिए हलाल सर्टिफिकेशन (Halal Certification) की जरूरत होती है।
इस तरह के प्रोडक्ट को बेचने के लिए कंपनियों को हलाल सर्टिफिकेशन के लिए रजिस्ट्रेशन करने की जरूरत होती है। अब सरकार ने हलाल सर्टिफिकेशन के पंजीकरण की समय सीमा को 3 महीने से बढ़ाकर 4 जुलाई 2024 तक कर दिया है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) पिछले साल मांस और मांस उत्पादों के लिए हलाल प्रमाणन प्रक्रिया के लिए नीतिगत शर्तों को अधिसूचित किया था। इस सर्टिफिकेट के लिए ई-सीएएस के लिए राष्ट्रीय प्रमाणन निकाय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीसीबी) से मान्यता अनिवार्य हो गया।
इससे पहले हलाल सर्टिफिकेशन के लिए रजिस्ट्रेशन की तारीख 5 अप्रैल, 2024 था।
डीजीएफटी ने इसको लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया है। डीजीएफटी ने नोटिफिकेशन में कहा कि हलाल प्रमाणन निकायों की मान्यता और निर्यात इकाइयों के पंजीकरण की समय अवधि तीन महीने के लिए 4 जुलाई, 2024 तक बढ़ा दी गई है।
क्या है हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर दिशा- निर्देश
सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार मांस और उसके उत्पादों को ‘हलाल प्रमाणित’ के रूप में निर्यात करने की अनुमति केवल तभी दी जाती है, जब वे भारतीय गुणवत्ता परिषद के बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त होती है।
सरकार के अधिसूचना के अंतर्गत आने वाले उत्पादों में गोजातीय पशुओं का मांस, मछली और भेड़ और बकरियों का ठंडा मांस शामिल है।
देश से मांस और मांस उत्पादों के हलाल प्रमाणीकरण को सुव्यवस्थित करने के लिए, ‘भारत अनुरूपता मूल्यांकन योजना (i-CAS)’ विकसित की गई है। इससे पहले, भारत में सरकार द्वारा विनियमित कोई अनिवार्य हलाल प्रमाणीकरण प्रणाली नहीं थी क्योंकि देश में प्रमाणीकरण के लिए कोई राष्ट्रीय विनियमन नहीं है।
वैश्विक हलाल खाद्य बाजार 2021 में 1,978 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था। वर्ष 2027 तक यह बाजार 3,907.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
भारत में हलाल इंडस्ट्री अभी भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है। भारत में आयातित हलाल खाद्य उत्पादों के लिए कोई विशिष्ट लेबलिंग आवश्यकताएं नहीं हैं। देश में कई निजी कंपनियों द्वारा हलाल सर्टिफिकेशन दिया जाता है, जो भोजन या उत्पादों को स्वीकार्य के रूप में चिह्नित करता है।
देश में प्रमुख हलाल-प्रमाणित करने वाले संगठनों में हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट शामिल हैं। अंतर्राष्ट्रीय हलाल प्रत्यायन फोरम (IHAF) मान्यता निकायों का एक अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क है जो अपनी अर्थव्यवस्थाओं में हलाल मानकों को लागू करने के लिए अनिवार्य है।
इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, फिलीपींस, संयुक्त अरब अमीरात और पाकिस्तान के अपने-अपने हलाल मानक हैं। हालाँकि, अभी तक कोई वैश्विक हलाल मानक नहीं बने हैं। हलाल उद्योग के तेजी से विकास ने न केवल हलाल प्रौद्योगिकियों और नवाचारों को जन्म दिया है, बल्कि हलाल से संबंधित कानून और नियम भी हैं जो अभी भी विश्व स्तर पर सुसंगत नहीं हैं।