नई दिल्ली। बीते कुछ सालों से आईसीसी की सबसे बड़ी चिंता टेस्ट क्रिकेट को बचाने और इसकी तरफ दर्शकों की खींचने की रही है। इसी को देखते हुए अब क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था करोड़ों खर्च कर टेस्ट को बचाने के बारे में विचार कर रही है। इसके अलावा आईसीसी टी20 लीगों के लालज में आकर देश छोड़ने वाले खिलाड़ियों को भी रोकने का प्रयास कर रही है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने ये प्रस्ताव रखा है जिसे बीसीसीआई के मौजूदा सचिव और अगले आईसीसी चेयरमैन की रेस में सबसे आगे चल रहे जय शाह का पूरा समर्थन हासिल है।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने अपनी रिपोर्ट में ऑस्ट्रेलियाई अखबार द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड के हवाले से ये जानकारी दी है, आईसीसी इसके लिए 150 करोड़ रुपये तक खर्च करने को तैयार है। इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) भी इस प्रस्ताव के समर्थन में हैं।
मैच फीस में होगा इजाफा
रिपोर्ट के मुताबिक, इस फंड से टेस्ट प्लेयर्स को मिलने वाली फीस में इजाफा होगा। इसके अलावा विदेशी दौर पर टीम भेजने के लिए जो लागत आती है उसे भी बढ़ाया जाएगा। इससे वेस्टइंडीज जैसे क्रिकेट बोर्ड को फायदा होगा जो इस समय वैश्विक स्तर पर हो रही टी20 लीग के कारण समस्या से जूझ रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, “इस फंड से सभी खिलाड़ियों को टेस्ट में एक न्यूनतम राशि दी जाएगी। इसे आप 10,000 अमेरिकी डॉलर मानकर चल सकते हैं। साथ ही इसी फंड से विदेशी दौरों का खर्च भी उठाया जाएगा।”
सीए के चेयरमैन माइक बाइयर्ड ने कहा, “टेस्ट मैच फंड को लेकर इस समय जो हलचल हो रही है वो देखकर अच्छा लग रहा है। हमें टेस्ट क्रिकेट के रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को हटाना होगा और इसे सर्वश्रेष्ठ में श्रेष्ठ बनाने के लिए प्रेरित करना होगा।”
तीन देशों को नहीं होगा ज्यादा फायदा
इस फंड से तीन बड़े क्रिकेट बोर्ड को ज्यादा फायदा नहीं होगा क्योंकि इन तीनों के पास अपने खिलाड़ियों को देने के लिए पार्याप्त पैसा है। ये तीनों बोर्ड, बीसीसीआई, सीए और ईसीबी हैं। आईसीसी के पास टेस्ट क्रिकेट के लिए कितना पैसा बचता है ये क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था के ब्रॉडकास्टर स्टार के साथ चल रहे विवाद पर भी निर्भर करता है। स्टार नेटवर्क 2022 ब्रॉडकास्ट डील को ही बनाए रखना चाहता है और वेल्यू असल कीमत से आधी करना चाहता है।