नई दिल्ली, । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को कई गणमान्य विदेशी नेताओं ने शुभकामना भेजी हैं। इनमें चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे भी शामिल हैं। राष्ट्रपति चिनफिंग का बधाई संदेश खास तौर पर महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके जरिये उन्होंने भारत को कुछ खास संदेश भी भेजने की कोशिश की है।
उन्होंने अपने बधाई संदेश में कहा कि वह भारत-चीन के द्विपक्षीय रिश्तों को बहुत ज्यादा महत्व देते हैं। वह राष्ट्रपति मुर्मु के साथ मिलकर दोनों देशों के बीच परस्पर राजनीतिक भरोसे को बढ़ाने, राजनीतिक सहयोग को गहरा करने, रिश्तों की कठिनाइयों को सही तरीके से सुलझाने और रिश्तों को सही ट्रैक पर ले जाने की कोशिश करेंगे।
पूरी दुनिया में शांति, स्थायित्व व विकास के लिए जरूरी
राष्ट्रपति चिनफिंग ने यह भी कहा है कि स्वस्थ और स्थिर भारत-चीन रिश्ता न सिर्फ इन दोनों देशों के लोगों के हितों के अनुकूल होगा, बल्कि यह इस क्षेत्र और पूरी दुनिया में शांति, स्थायित्व व विकास के लिए जरूरी है।
भारत और चीन के मौजूदा रिश्तों को देखते हुए यह काफी महत्वपूर्ण संदेश माना जा सकता है। दोनों देशों के बीच मई, 2020 से ही सीमा विवाद चल रहा है। इसे सुलझाने के लिए एक हफ्ते पहले ही दोनों पक्षों के बीच सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता हुई है।
28 जुलाई से शंघाई सहयोग संगठन की बैठक होने वाली है जिसमें दोनों देशों के विदेश मंत्री शामिल होंगे। उनके बीच फिर मुलाकात होने की संभावना है।
भारत के साथ रूस के रणनीतिक रिश्तों का महत्व बहुत ज्यादा
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने संदेश में कहा है कि वह भारत के साथ रूस के रणनीतिक रिश्तों को बहुत ज्यादा महत्व देते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति मुर्मु अपने कार्यकाल के दौरान रूस के साथ रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने में मदद करेंगी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन पहले ही मुर्मु को राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर बधाई दे चुके हैं।