नई दिल्ली, । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार यानी 1 फरवरी को देश का बजट संसद में पेश किया है। इस बार के केंद्रीय बजट में वर्ष 2023-24 के लिए डिफेंस सेक्टर को कुल 5.94 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। वहीं पिछले साल भारत का रक्षा बजट 5.25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का रहा था।
2022 के मुकाबले डिफेंस के बजट में 10 फीसदी का इजाफा
यह कुल बजट का 13.31 प्रतिशत था। इसमें रक्षा पेंशन के लिए 1.19 लाख करोड़ रुपये की धनराशि शामिल है। ये बजट पिछले वर्ष के मुकाबले में करीब दस प्रतिशत ज्यादा था। पिछले कई सालों से भारत सरकार अपने रक्षा बजट में इजाफा कर रही है।
देश की कमान संभालने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र डिफेंस सेक्टर को मजबूती करने की दिशा में काम कर रहे हैं। डिफेंस सेक्टर को मजबूत करना भारत के लिए काफी अहम हो जाता है, क्योंकि पिछले कुछ सालों में चीन के साथ भारत सीमा पर कई बार तनाव देखने को मिला है।
भारत से काफी पीछे है पाकिस्तान का रक्षा बजट
आईये हम समझते है कि भारत का रक्षा बजट पड़ोसी मुल्क चीन और पाकिस्तान के मुकाबले कहां पर है। अगर पाकिस्तान के बजट की बात करें तो 2021 में पाकिस्तान का डिफेंस बजट 11.3 अरब डॉलर था। वहीं भारत के रक्षा बजट के लिए 2021 में 76.6 अरब डॉलर आवंटित किया गया था।
भारत के मुकाबले चीन का बजट 4 गुना ज्यादा
अगर चीन के रक्षा क्षेत्र में खर्चे की बात करें तो विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 2021 में चीन का सेना पर खर्चा 293.35 अरब डॉलर था। वहीं भारत का उस साल डिफेंस पर 76.6 अरब डॉलर का खर्चा था। मतलब चीन का रक्षा बजट भारते के मुकाबले 4 गुना ज्यादा है।
खास बात है कि चीन के मुकाबले भारत का रक्षा क्षेत्र में खर्चा भले ही कम हो, लेकिन अपनी जीडीपी का भारत ने 3 फीसदी बजट डिफेंस पर 2021 में खर्च किया था। वहीं चीन ने अपनी जीडीपी का मात्र 1.7 फीसदी रक्षा क्षेत्र में व्यय किया।