नई दिल्ली, भारत और इजरायल के द्विपक्षीय व्यापार संबंध पहले से और मजबूत होने की राह में हैं। भारत और इजरायल दोनो ही देश मुक्त व्यापार समझौते (Free trade agreement) को अंतिम रूप देने के लिए उत्सुक हैं। इजराइल के राजदूत नोर गिलोन ने बुधवार को कहा कि इजरायल ने भारतीय कंपनी अदाणी समूह को हाईफा रणनीतिक बंदरगाह सौंप दिया है।
एफटीए को मिल सकता है अंतिम रूप
एक मीडिया ब्रीफिंग में राजदूत ने यह भी कहा कि भारत और इजराइल दोनों प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप देने के इच्छुक हैं क्योंकि यह द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को और मजबूत कर सकता है। गिलोन ने संकेत दिया कि आगामी हाई लेवल यात्रा के दौरान मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर आगे की कार्रवाई हो सकती है।
अदाणी को हाइफा पोर्ट सौंपना भरोसे की तस्वीर- गिलोन
दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को बहुत मजबूत बताते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच क्षेत्र में लंबे समय से चले आ रहे विश्वास के कारण रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भर बनने के अपने प्रयासों में भारत का समर्थन करने के लिए इजरायल के पास एक लाभ है। पिछले महीने हाइफा बंदरगाह हासिल करने वाले अदाणी समूह के बारे में गिलोन ने कहा कि यह भारत पर इजरायल के भरोसे का संकेत है और इससे द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
1.2 अरब डॉलर से अदाणी समूह ने अधिकृत किया था हाइफा बंदरगाह
उन्होंने कहा कि यह हमारी ओर से एक बहुत महत्वपूर्ण कदम था क्योंकि हाइफा एक रणनीतिक बंदरगाह है। अदाणी समूह ने पिछले महीने 1.2 अरब डॉलर (एक अरब = 100 करोड़) के लिए हाइफा के रणनीतिक बंदरगाह का अधिग्रहण किया था। उन्होंने कहा कि अदाणी समूह ने यहूदी राष्ट्र में अधिक निवेश करने के अपने फैसले के हिस्से के रूप में इस भूमध्यसागरीय शहर की स्काईलाइन को बदलने का संकल्प लिया।
शिपिंग कंटेनरों के मामले में दूसरा सबसे बड़ा बंदरगाह है हाइफा
हाइफा बंदरगाह इज़राइल में शिपिंग कंटेनरों के मामले में दूसरा सबसे बड़ा बंदरगाह है और शिपिंग पर्यटक क्रूज जहाजों में सबसे बड़ा है। अपने संबोधन में इजराइल के राजदूत ने यह भी कहा कि भारत से नवीकरणीय ऊर्जा, स्मार्ट मोबिलिटी, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, जल और साइबर तथा मातृभूमि सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं।