गाजा। हमास- इजरायल के बीच 17वें दिन भी युद्ध जारी है, यहां तक कि यह दिन-ब-दिन काफी हिंसक होता जा रहा है। 17वें दिन इजरायली सेना ने गाजा-लेबनान सीमा पर एयर स्ट्राइक कर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया।
दरअसल, इजरायली प्रधानमंत्री के आदेशों के बाद सेना ने हमास को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए अपनी कार्रवाई जारी रखी है। इजरायल ने इसके खात्मे के लिए एक स्पेशल फोर्स को गाजा बॉर्डर पर तैनात किया है। इजरायल की सेना ने कहा कि उसने हिजबुल्लाह के अन्य ठिकानों पर भी हमला किया है। वहीं, हिजबुल्लाह ने सोमवार को कहा कि इजरायली सेना की कार्रवाई में उसका एक लड़ाका मारा गया है।
फलस्तीनी समूह ने किया दावा
इसी बीच, फलस्तीनी समूह की सशस्त्र शाखा इज अल-दीन अल-कसम ब्रिगेड ने रविवार को कहा कि हमास के लड़ाके गाजा पट्टी में घुसपैठ करने वाली इजरायली सेना के साथ उलझ गई और उन्हें उल्टे पैर वापस भेज दिया। इतना ही नहीं, फलस्तीनी लड़ाकों ने इजरायली सैन्य उपकरणों को भी नष्ट कर दिया।
इजरायल की ओर से नहीं आया बयान
समूह ने एक बयान जारी करते हुए कहा, “लड़ाकों ने घुसपैठ करने वाले बल से मुकाबला किया, दो बुलडोजर और एक टैंक को नष्ट कर दिया और बल को वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया।” इजरायली उपकरण या वाहनों के विनाश के बारे में इजरायली सेना की ओर से अब तक कोई टिप्पणी नहीं की गई।
यूरोप के मंत्री गाजा में सहायता देने पर कर रहे चर्चा
गाजा में ईंधन पहुंचाने में मदद करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए यूरोपीय संघ के विदेश मंत्री सोमवार को बैठक की। यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा, “जोर बिजली और पानी उपलब्ध कराने वाले अलवणीकरण संयंत्रों को फिर से चालू करने पर होना चाहिए। पानी और बिजली के बिना, अस्पताल मुश्किल से काम कर सकते हैं।”
विश्व नेताओं ने मानवतावादी कानून का पालन करने का आह्वान
विश्व के कई नेताओं ने रविवार को इजरायल और हमास के बीच विवाद के बारे में बात की। उन्होंने इजरायल और आतंकवाद के खिलाफ अपनी रक्षा करने के अधिकार के लिए अपना समर्थन दोहराया और नागरिकों की सुरक्षा सहित मानवीय कानून का पालन करने का आह्वान किया।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज, इटली के प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी दो बंधकों की रिहाई का आह्वान किया।
नेताओं ने गाजा में जरूरतमंद फिलिस्तीनियों तक पहुंचने के लिए पहले मानवीय काफिले की घोषणा का स्वागत किया और मानवीय जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक भोजन, पानी, चिकित्सा देखभाल और अन्य सहायता तक निरंतर और सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में भागीदारों के साथ समन्वय जारी रखने के लिए प्रतिबद्धता जताई।
सहायता किट का तीसरा काफिला पहुंचा
14 सहायता ट्रकों का तीसरा काफिला मिस्र की ओर से घिरे गाजा पट्टी के राफा क्रॉसिंग में प्रवेश कर गया है। रविवार को मदद की दूसरी खेप राफा क्रासिंग में प्रवेश कर गई थी। इस बात की जानकारी यूएन निदेशक जूलियट टौमा ने दी। मिस्र के सुरक्षा और मानवीय सूत्रों ने कहा कि रविवार के काफिले में क्रॉसिंग के मिस्र की ओर से चिकित्सा और खाद्य आपूर्ति लेकर 19 ट्रक दाखिल हुए थे। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं था कि सीमा पर कोई सहायता रोकी गई थी या नहीं।
शनिवार को पहुंचा था पहला काफिला
इससे पहले, अत्यधिक आवश्यक आपूर्ति के 20 ट्रकों का पहला काफिला शनिवार को राफा के माध्यम से गाजा में प्रवेश कर गया था। उन आपूर्तियों का वितरण रविवार को शुरू हुआ, लेकिन सहायता अधिकारी अभी भी मानवीय आपदा की चेतावनी दे रहे हैं, क्योंकि भोजन, पानी और ईंधन की आपूर्ति कम हो गई है।
गलती से टकराया टैंक
इजरायल की सेना ने कहा कि उसका एक टैंक गलती से गाजा पट्टी की सीमा के पास मिस्र की स्थिति से टकरा गया। मिस्र की सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि इजरायली टैंक के गोले के टुकड़े लगने से मिस्र के कई सीमा रक्षकों को चोटें आईं। एक गवाह और एक चिकित्सा सूत्र ने कहा कि सात लोग घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
गाजा पर पूर्ण नाकाबंदी
हमास द्वारा इजरायली धरती पर किए गए घातक हमले के जवाब में इजरायल ने गाजा पर पूर्ण नाकाबंदी लगा दी और हवाई हमले शुरू कर दिए हैं। गाजा में मानवीय स्थिति खराब होने के कारण सहायता पहुंचाने पर जोर दिया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों का कहना है कि तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए गाजा में प्रतिदिन कम से कम 100 ट्रकों की आवश्यकता होगी।
अब तक हजारों लोगों की मौत
7 अक्टूबर को शुरू हुए इस युद्ध में सबसे ज्यादा खामियाजा गाजा में रहने वाले लोगों को भुगतना पड़ रहा है। हालांकि, इजरायली सेना किसी भी हमले से पहले लगातार वहां के लोगों को चेतावनी दे रही है, लेकिन फिर भी कुछ लोग अपना घर छोड़कर जाने को तैयार नहीं है।
इस युद्ध में आम नागरिकों को जान गंवानी पड़ रही है। जानकारी के मुताबिक, इस युद्ध में अब तक इजरायलियों की मौत हो गई है और वहीं, 4 हजार से अधिक फलस्तीनियों से अपनी जिंदगी से हाथ धो दिया है। हालांकि, अपनी कार्रवाई के जरिए इजरायली सेना ने कई आतंकियों को भी ढेर कर दिया है।