श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन में बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। ये चुनाव पिछले कुछ वर्षों में उभरे एक दर्जन के करीब नए राजनीतिक दलों के लिए प्रतिष्ठा और अस्तित्व की लड़ाई है। अभी तक यह दल उम्मीदों के मुताबिक जनता का भरोसा जीतने में सफल नहीं दिख रहे।
इसी का असर रहा कि कई दलों के प्रत्याशी नामांकन पत्र जमा करने के बाद भी चुनावी दंगल से हट गए हैं। कई ने तो अंतिम समय में पाला बदल लिया। इनकी हालत यह हो गई है कि ये यह दल जिन मुद्दों का कल तक विरोध करते रहे, अब उन्हें भी उठाने से हिचक नहीं रहे।





